iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण भारत के एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य-तेलंगाना में चालू खरीफ (वानाकलाम) सीजन में फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र घटकर करीब 123 लाख एकड़ पर सिमट गया जो पिछले साल के बिजाई क्षेत्र 128 लाख एकड़ तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 129 लाख एकड़ से क्रमश: 5 लाख एवं 6 लाख एकड़ कम है।
हालांकि औपचारिक तौर पर बिजाई का सीजन वहां सितम्बर के अंत तक कायम रहेगा मगर वास्तविक रूप से बिजाई की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है। इसके फलस्वरूप वहां अब खरीफ फसलों के रकबे में ज्यादा सुधार आने के आसार नहीं है।
बिजाई क्षेत्र में गिरावट आने के साथ-साथ तेलंगाना में इस बार भारी वर्षा एवं बाढ़ से भी वानाकलाम (खरीफ) फसलों को काफी नुकसान हुआ है। स्वयं केन्द्रीय कृषि मंत्री ने इसे स्वीकार किया है।
प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि तेलंगाना में इस बार खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र घटकर पिछले पांच के निचले स्तर पर आ गया है।
12 सितम्बर तक राज्य में सामान्य औसत क्षेत्रफल के सापेक्ष करीब 95 प्रतिशत भाग में खरीफ फसलों की खेती संभव हो सकी थी। इसके तहत खासकर धान, कपास एवं दलहन फसलों की बिजाई काफी हद तक प्रभावित हुई है।
हाल की मूसलाधार वर्षा एवं बाढ़ से तेलंगाना में 20 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलें पूरी तरह या आंशिक रूप से बर्बाद हो गई है जिससे इसके सकल उत्पादन में भारी गिरावट आने की आशंका है।
जिन फसलों को सर्वाधिक नुकसान हुआ है उसमें गन्ना, धान, दलहन, मिलेट्स, तिलहन एवं कपास भी शामिल है। तेलंगाना धान चावल के अग्रणी उत्पादक राज्यों में शामिल है।
वहां धान का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 62 लाख एकड़ से घटकर इस बार 59 लाख एकड़ पर सिमट गया। इसके अलावा कपास का बिजाई क्षेत्र भी 18.01 लाख हेक्टेयर से गिरकर 17.39 लाख हेक्टेयर रह गया।