iGrain India - मुम्बई । स्वदेशी वनस्पति तेल उद्योग ने केन्द्र सरकार द्वारा क्रूड एवं रिफाइंड श्रेणी के खास तेलों पर आयात शुल्क में की गई 20 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे तिलहन उत्पादकों के लिए ऊंचा मूल्य सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।
सरकार के इस निर्णय से तेल तिलहनों का भाव मजबूत होने की संभावना है। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार पर और खासकर कुआलालम्पुर के बीएमडी एक्सचेंज तथा शिकागो एक्सचेंज में पाम तेल तथा सोयाबीन तेल के वायदा मूल्य पर भी इसका असर पड़ने की संभावना है।
नेपाल के रास्ते भारत में रिफाइंड श्रेणी के पाम तेल एवं सोया तेल का आयात पुनः जोर पकड़ने लगा है। अक्सर देखा गया है कि भारत में जब क्रूड एवं रिफाइंड खाद्य तेलों के बीच शुल्क का अंतर बढ़ जाता है तब नेपाल के रास्ते इसका आयात जोर पकड़ने लगता है क्योंकि साफ्टा संधि के तहत नेपाल से होने वाले आयात पर भारत में कोई सीमा शुल्क नहीं लगता है।
पहले जब शुल्कांतर बढ़ा था तब नेपाल से भारी मात्रा में और बांग्ला देश से सीमित मात्रा में खाद्य तेलों का आयात होने लगा था।
समझा जाता है कि भारत के अनेक आयातकों तथा नेपाल के निर्यातकों / करोबारियों के बीच इस आशय की बातचीत आरंभ हो गई है जिससे भारत में खासकर रिफाइंड खाद्य तेलों के आयात में इजाफा होने की उम्मीद है। भारतीय खाद्य तेल उद्योग को इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
सुनने में आ रहा है कि भारतीय आयातकों ने नेपाल के रास्ते खाद्य तेल मंगाना शुरू कर दिया है। सीधे नेपाल के पाम तेल एवं सोया तेल के टिन के सौदे भी शुरू हो जाने की सूचना भी मिल रही है।
स्वदेशी रिफाइनर्स का कहना है कि नेपाल के रास्ते आने वाले रिफाइंड खाद्य तेलों पर सरकार को नियंत्रण लगाने का प्रयास करना चाहिए।