iGrain India - नई दिल्ली । दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान देश के अधिकांश राज्यों में सामान्य या इससे अधिक बारिश होने, खेतों में पानी भरने तथा कई इलाकों में भीषण बाढ़ आने से खरीफ कालीन दलहन फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
यद्यपि कुल मिलाकर इस बार दलहन फसलों के बिजाई क्षेत्र में अच्छी बढ़ोत्तरी हुई है मगर प्राकृतिक आपदाओं के कारण महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में फसलें क्षतिग्रस्त हुई है।
मौसम विभाग ने अगले 2-3 दिनों के दौरान देश के सात राज्यों में जोरदार बारिश होने की संभावना व्यक्त की है जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, कर्नाटक एवं केरल शामिल है।
इसके फलस्वरूप मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे प्रांतों में खासकर उड़द एवं मूंग की फसल को काफी नुकसान होने की आशंका है।
हालांकि जून में मानसून की वर्षा सामान्य औसत से 11 प्रतिशत कम हुई थी मगर जुलाई में 9 प्रतिशत तथा अगस्त में 16 प्रतिशत अधिक हुई।
सितम्बर के शुरुआती 15 दिनों में सामान्य औसत से 10 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने पूरे सितम्बर माह में दीर्घकालीन औसत (एलपीए) के सापेक्ष 109 प्रतिशत वर्षा होने का अनुमान लगाया है।
भारी बारिश का दौर जारी रहने से दलहन फसलों का क्षतिग्रस्त होना निश्चित है क्योंकि ये फसलें ज्यादा दिनों तक पानी के जमाव को बर्दाश्त नहीं कर पाती है।
फिलहाल तुवर की फसल के बारे में निश्चित रूप से कुछ कहना मुश्किल है लेकिन उड़द एवं मूंग की फसल को क्षति हो रही है। उड़द का बिजाई क्षेत्र भी गत वर्ष से कुछ पीछे रह गया।