iGrain India - हैदराबाद । दक्षिण भारत के दो प्रमुख चावल उत्पादक राज्य- तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश में इस बार खरीफ फसलों के क्षेत्रफल में कमी आई है और भारी वर्षा तथा बाढ़ से फसलों को नुकसान भी हुआ है।
इसके फलस्वरूप वहां धान के साथ-साथ दलहन, तिलहन तथा कपास का उत्पादन भी प्रभावित होने की आशंका है। इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है।
आधकारिक आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना में खरीफ फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र इस बार 123 लाख एकड़ पर ही पहुंच सका जो गत वर्ष के बिजाई क्षेत्र 128 लाख एकड़ तथा सामान्य औसत क्षेत्रफल 129 लाख एकड़ से कम था। राज्य में खरीफ फसलों की बिजाई लगभग समाप्त हो चुकी है।
बाढ़ वर्षा से राज्य में 20 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में खरीफ फसलें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई हैं जिसमें धान, कपास एवं दलहन मुख्य रूप से शामिल हैं।
इसके अलावा गन्ना, मोटे अनाज तथा तिलहन फसलों को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है। धान का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 62 लाख एकड़ से घटकर इस बार 59 लाख एकड़ पर सिमट गया है।
जहां तक आंध्र प्रदेश की बात है तो वहां भी लगभग तेलंगाना जैसी ही स्थिति है। भारी वर्षा एवं बाढ़ से इस राज्य में फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
राज्य के कृष्णा जिले में आई भयंकर बाढ़ ने धान की फसल को बर्बाद कर दिया। कई अन्य जिलों में भी बाढ़ की विभीषिका से कपास एवं दलहन-तिलहन फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं।
अनेक इलाकों में वहां खेतों में ढाई-तीन फीट तक पानी भर गया जिसमें फसलें जलमग्न हो गई। पानी की जल्दी निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से अपनी फसलों को बर्बाद होते देखते के अलावा किसानों के पास कोई चारा नहीं है।
तेलंगाना की भांति आंध्र प्रदेश में धान, दलहन, तिलहन कपास एवं लालमिर्च की फसल क्षति ग्रस्त हुई है। कुल 47 मंडलों में बाढ़-वर्षा से खरीफ फसलों को जबरदस्त नुकसान होने की सूचना है।