iGrain India - नई दिल्ली । एक अग्रणी निर्यातक संगठन- इंडियन राइस एक्सपोर्टर्स फेडरेशन ने 2024-25 के वर्तमान सीजन में चावल का कुल घरेलू उत्पादन बढ़कर 1420 लाख टन के शीर्ष स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है जो 2023-24 सीजन के सकल उत्पादन 1367 लाख टन से काफी अधिक है।
फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अनुसार इस बार खरीफ कालीन धान का उत्पादन क्षेत्र 4 प्रतिशत बढ़कर 410 लाख हेक्टेयर पर पहुंचा है और दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा भी सामान्य औसत से अधिक हुई है।
इसके फलस्वरूप रबी सीजन तथा जायद सीजन में भी धान की अच्छी खेती होने की उम्मीद है। मानसून का सीजन अंतिम चरण में है और अभी तक 7-8 प्रतिशत अधिशेष वर्षा हो चुकी है।
फेडरेशन के अध्यक्ष के मुताबिक इस वर्ष का बासमती चावल का उत्पादन करीब 15 प्रतिशत बढ़ने के आसार हैं। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने 2023-24 के सीजन में 98.50 लाख टन बासमती चावल का उत्पादन आंका था। अध्यक्ष का मानना है कि 2024-25 में इसका उत्पादन 100 लाख टन की सीमा को आसानी से पार कर जाएगा।
फेडरेशन के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार को गैर बासमती सेला चावल पर लगे 20 प्रतिशत के निर्यात शुल्क को हटा देना चाहिए और सफेद चावल के व्यापारिक निर्यात को जल्दी से जल्दी खोलना चाहिए।
जुलाई 2023 से ही सफेद गैर बासमती चावल के व्यापारिक निर्यात पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसी तरह अगस्त 2023 से सेला चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लागू है।
सरकारी तौर पर सफेद चावल का निर्यात जारी है। जनवरी में सरकार ने 30 लाख टन सफेद चावल के निर्यात का कोटा निर्धारित किया था मगर इसमें अब तक केवल 10 लाख टन का ही शिपमेंट संभावना हो सका है।