iGrain India - नई दिल्ली । मूसलाधार बारिश और भयंकर बाढ़ के प्रकोप से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि एशिया, अफ्रीका एवं यूरोप के कई अन्य देश भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं जिससे वैश्विक स्तर पर कृषि उत्पादन में कमी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
दूसरी ओर उत्तरी अमरीका एवं दक्षिणी अमरीका महाद्वीप के कुछ देशों में मौसम गर्म एवं शुष्क बना हुआ है और जंगलों में भयंकर आग लगने से स्थिति काफी खराब होती जा रही है। इससे खासकर अमरीका और ब्राजील जैसे प्रमुख कृषि उत्पादक एवं निर्यातक देश भी प्रभावित हो रहे हैं।
यागी नामक समुद्री चक्रवाती तूफान के प्रकोप से पहले चीन में भयंकर बाढ़ आई और फिर इसकी विभीषिका फिलीपींस, वियतनाम तथा थाईलैंड से होते हुए म्यांमार तक पहुंच गई।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग एवं जलवायु परिवर्तन के कारण अब चरम स्तर की मौसमी घटनाओं की आवृति बढ़ती जा रही है। इसके फलस्वरूप कहीं भयंकर गर्मी पड़ती है तो कहीं विनाशकारी बाढ़ का प्रकोप रहता है।
भारत, अमरीका, चीन एवं ब्राजील जैसे बड़े-बड़े देशों में दोनों तरह की मौसमी घटनाएं बरकरार रहती हैं। उदाहरण स्वरुप अमरीका में उत्तरी एवं दक्षिणी कैरोलीना प्रान्त में भयंकर बाढ़ का प्रकोप है तो दूसरी ओर कैलिफोर्निया प्रान्त के जंगलों में भीषण आग लगी हुई है जिससे वहां तापमान बहुत अधिक बढ़ गया है।
समुद्री चक्रवाती तूफान की बारम्बारता एवं निरंतरता में हाल के वर्षों में बढ़ोत्तरी हुई है। मौसम वैज्ञानिक के अनुसार गर्म हवा में नमी का अंश लेने की क्षमता अधिक होती है।
पृथ्वी का तापमान बढ़ता जा रहा है इलसिए अत्यन्त जोरदार एवं सघन बारिश की आशंका भी बढ़ती जा रही है जो कृषि फसलों के लिए घातक हो सकती है।
भारत के 75 प्रतिशत जिलों में इस बार सामान्य इससे अधिक वर्षा हुई है और अनेक राज्यों के कई इलाकों में भयंकर बाढ़ का प्रकोप देखा जा रहा है।