iGrain India - मुम्बई । खाद्य तेल उद्योग एवं व्यापार क्षेत्र के विश्व विख्यात विश्लेषक-दोराब मिस्त्री का कहना है कि आगामी महीनों के दौरान पाम तेल की कीमतों में तेजी-मजबूती का माहौल कायम रह सकता है। इंडोनेशिया में बी 40 कार्यक्रम की घोषणा हो सकती है।
बाजार धारणा अत्यन्त तेजी की है जिससे पाम तेल का भाव अन्य खाद्य तेलों के सापेक्ष गैर प्रतिस्पर्धी हो सकता है। पिछली बार जब इंडोनेशिया में की 30 से आगे बढ़कर बी 35 कार्यक्रम लागू हुआ था तब पाम तेल बाजार को सामान्य स्थिति में लौटने में करीब 7 माह का समय लग गया था।
ध्यान देने की बात कि इंडोनेशिया एवं मलेशिया जैसे शीर्ष निर्यातक देशों में अभी पाम तेल के उच्च उत्पादन का सीजन चल रहा है जो नवम्बर 2024 तक बरकरार रहेगा और यदि ऐसे समय में ऊंचे दाम के कारण निर्यात प्रभावित हुआ तो दोनों देशों में पाम तेल का बकाया अधिशेष स्टॉक बढ़ सकता है।
दोराब मिस्त्री ने कुआलालम्पुर स्थित बुर्सा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) एक्सचेंज में तीसरे माह के अनुबंध हेतु क्रूड पाम तेल (सीपीओ) का वायदा भाव 3700 रिंगिट प्रति टन रहने का अनुमान लगाया है जबकि अक्टूबर 2024 से जून 2025 के बीच यह बढ़कर 4500 रिंगिट प्रति टन तक पहुंच संभावना व्यक्त की है।
विश्लेषक के अनुसार जनवरी-मार्च 2025 की तिमाही में पाम तेल बाजार में नए सिरे से तेजी-मजबूती का माहौल आरंभ हो सकता है क्योंकि इस अवधि में चीन में ल्यूनर नव वर्ष का त्यौहार होगा और मुस्लिम देशों में रमजान पर्व के लिए पाम तेल की मांग बढ़ेगी।
पाम तेल बाजार में उतार-चढ़ाव पर नजर रखना आवश्यक होगा। भारत में इस पर सीमा शुल्क बढ़ाया गया है। इसके फलस्वरूप वहां आयात पर कुछ असर पड़ता है या नहीं- यह देखना जरुरी है। नवम्बर के प्रथम पखवाड़े तक भारत में त्यौहारी सीजन समाप्त हो जाएगा और फिर जाड़े का माहौल शुरू हो जाएगा।