iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने निर्यातकों तथा आयातकों की शिपिंग सम्बन्धी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ उपायों की घोषणा की है जिसमें बंदरगाहों पर कुछ खास शुल्कों / प्रभारों में कटौती करना तथा एससीआई द्वारा पांच अतिरिक्त सेकेण्ड हैण्ड कंटेनर वेसल्स की खरीद करना भी शामिल है।
अंतर्राष्ट्रीय कारोबार के संवर्ग के सभी सम्बन्धित पक्षों के साथ एक मीटिंग करने के बाद इन उपायों की घोषणा की गई। इस मीटिंग में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय जहाजरानी मंत्रालय, बंदरगाह विभाग, वित्त मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय एवं रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ निर्यातकों के संगठन-फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (फियो) के प्रतिनिधि, सीमा शुल्क आधिकारिक, फ्राइट फॉर बार्डर्स, ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स तथा शिपिंग कंपनियों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
इस मीटिंग में शिपिंग क्षेत्र से जुड़े मुद्दों को उठाया गया जो देश के निर्यात प्रदर्शन को प्रभावित कर रहा है। उल्लेखनीय है कि अगस्त में देश से कुल निर्यात में 9.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
जिन खास मुद्दों को जोर शोर से उठाया गया उसमें कंटेनरों का आभास, सामुद्रिक परिवहन खर्च (दर) में बढ़ोत्तरी, शिपिंग व्यय में इजाफा, भारतीय बंदरगाहों पर जहाजों के आवागमन में देरी तथा बंदरगाहों पर लगने वाले ज्यादा समय के कारण होने वाली परेशानी आदि शामिल थे।
मीटिंग के केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि बैठक में शिपिंग एरिया में निर्यातकों एवं आयातकों के समक्ष उत्पन्न चुनौतियों एवं अड़चनों को दूर करने के लिए विभिन्न मुद्दों पर गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श किया गया और सरकार की ओर से कई कदम कदम की उठाने की घोषणा की गई।