iGrain India - मांग मजबूत रहने से दिल्ली में गेहूं का भाव 2900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा
नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत अपने स्टॉक से गेहूं बेचने का प्लान फिलहाल स्थगित कर दिया है और इसके बदले सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत गेहूं का 35 लाख टन का अतिरिक्त कोटा 31 मार्च 2025 तक के लिए आवंटित करने का निर्णय लिया है जिससे करीब 20 करोड़ लाभर्थियों को फायदा होने की उम्मीद है। मंडियों में माल की सीमित आवक होने तथा मांग मजबूत रहने से गेहूं के दाम में तेजी-मजबूती का माहौल बना हुआ है। सरकार के पास गेहूं का नया तुला स्टॉक मौजूद है जबकि वह इसके आयात पर लगे 40 प्रतिशत के सीमा शुल्क को घटाने या हटाने के मूड में भी नहीं दिखती है।
दिल्ली
14-20 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 50 रुपए की वृद्धि के साथ 2895/2900 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया लेकिन गुजरात के राजकोट में गेहूं का दाम 100 रुपए घटकर 2500/3000 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की कुछ मंडियों में गेहूं की कीमतों में 40-50 रुपए का उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया जबकि राजस्थान के कोटा, बारां एवं बूंदी थोक मार्केट में स्थिरता देखी गई।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में गेहूं का भाव मजबूत रहा। हरदोई में यह 80 रुपए बढ़कर 2580 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। गोरखपुर एवं गोंडा की मंडियों में 40-45 रुपए की तेजी रही। सभी प्रमुख मंडियों में गेहूं का दाम सरकारी समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल से ऊंचा चल रहा है जबकि आगामी समय में इसमें कुछ और तेजी आ सकती है।
भाव
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं का भाव काफी नरम पड़ गया है क्योंकि रूस, यूक्रेन के साथ-साथ यूरोपीय संघ के सदस्य देशों, अमरीका तथा कनाडा आदि में इसकी नई फसल की जोरदार आपूर्ति हो रही है।
आवक
ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने (अक्टूबर) से तथा अर्जेन्टीना में नवम्बर-दिसम्बर से नए गेहूं की आवक शुरू होगी। इधर भारत में ऊंचे घरेलू बाजार भाव से किसानों को अगले रबी सीजन में गेहूं का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है। सरकार भी गेहूं का उत्पादन बढ़ाने के लिए नई रणनीति पर विचार कर रही है। यानी की इस बार कोई समस्या नहीं होगी।