iGrain India - नई दिल्ली । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि पश्चिमी प्रान्त- राजस्थान के साथ-साथ गुजरात के कच्छ संभाग से भी दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी यात्रा आज यानी 23 सितम्बर से आरंभ हो सकती है जो 17 सितम्बर की संशोधित नई तिथि से 6 दिन लेट है।
मालूम हो कि भारत में सामान्य औसत वार्षिक बारिश इस बार 116 से०मी० आंकी गई है जिसमें से 75 प्रतिशत योगदान दक्षिण-पश्चिम मानसून का रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार देश के पश्चिमी भाग से मानसून के वापस लौटने के लिए परिस्थितियां लगातार अनुकूल होती जा रहे है। पश्चिमी राजस्थान से मानसून सबसे पहले वापस लौटता है।
मौसम विभाग के मुताबिक 82.72 से०मी० से करीब 6 प्रतिशत अधिक रही। इतना ही नहीं बल्कि चालू वर्ष की मानसूनी बारिश वर्तमान सीजन के दीर्घ कालीन औसत (एलपीए), 86.86 से०मी० से भी अधिक दर्ज की गई।
क्योंकि अगले कुछ दिनों के दौरान देश के अनेक राज्यों में और अधिक वर्षा होने की संभावना है इसलिए पूरे सीजन की कुल बारिश 6 प्रतिशत के अधिशेष स्तर से ऊपर पहुंच सकती है।
अप्रैल में मौसम विभाग ने कहा था कि इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून की वर्षा सामान्य औसत के सापेक्ष 106 प्रतिशत हो सकती है।
इसके तहत देश के मध्यवर्ती एवं दक्षिणी भाग में सामान्य से अधिक, पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य तथा पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान लगाया गया था जो काफी हद तक सच साबित हुआ है।
इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून 30 मई को एक साथ ही केरल तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहुंचा था जबकि 2 जुलाई तक इसने समूचे देश को कवर कर लिया था।
आमतौर पर यह 8 जुलाई तक सम्पूर्ण भारत में पहुंचता है। देश के कुछ भागों में मानसून की सक्रियता अभी बरकरार है जिससे खरीफ फसलों को नुकसान की आशंका बनी हुई है। इसके तहत खासकर दलहन-तिलहन एवं कपास की फसल को विशेष क्षति पहुंच सकती है।