iGrain India - नई दिल्ली । भारत और म्यांमार के बीच अपनी-अपनी मुद्राओं (करेंसी) में द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के उपायों पर 21 सितम्बर को बातचीत की गई।
भारत की मुद्रा रुपया है जबकि म्यांमार की मुद्रा का नाम क्यात है। पिछले सप्ताह के अंत में लाओस के वियेनटियान में आयोजित 'ईस्ट इंडिया सम्मिट इकोनॉमिक मिनिस्टर्स की 12 वीं बैठक में भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री तथा म्यांमार के निवेश एवं फॉरेन इकोनॉमिक रिलेशंस मंत्री के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।
भारतीय वाणिज्य मंत्री के अनुसार इस मीटिंग में दलहन, डीजल, गैसोलीन तथा विद्युत् वाहनों आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने तथा रूपया-क्यात करेंसी मैकेनिज्म के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के विभिन्न संभावित तौर-तरीकों पर गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श किया गया।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच 1.75 अरब डॉलर मूल्य का द्विपक्षीय व्यापार को प्रोत्साहित करने के विभिन्न संभावित तौर-तरीकों पर गम्भीरतापूर्वक विचार-विमर्श किया गया।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान दोनों देशों के बीच 1.75 अरब डॉलर मूल्य का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था। भारत में म्यांमार से उड़द एवं तुवर जैसे दलहनों तथा मक्का आदि का आयात होता है जबकि भारत से वहां अनेक सामानों का निर्यात किया जाता है।
भारत अनेक देशों के साथ स्थानीय करेंसी में कारोबार को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है ताकि अमरीकी डॉलर सहित अन्य मूलयवान विदेशी मुद्रा पर निर्भरता में कमी आ सके और कारोबार बढ़ाने में कठिनाई न हो। इसमें संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), रूस तथा कई अफ्रीकी देश शामिल हैं।
म्यांमार के साथ भी इस आशय का समझौता पहले ही हो चुका है और दोनों देशों के बीच रूपया-क्यात में कारोबार की दुविधा उपलब्ध है। लेकिन इस प्रक्रिया को गतिशील बनाने में कुछ समय लग सकता है।
जुलाई 2022 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने भारतीय रूपया में अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक लेन देन का प्रचलन शुरू करने हेतु एक नई प्रणाली आरंभ की थी और तब से स्थानीय मुद्रा में भारत ने कारोबार का प्रयास आरंभ कर दिया।