iGrain India - नई दिल्ली । रबी फसलों की बिजाई अगले महीने यानी अक्टूबर से आरंभ होने वाली है जिसमें गेहूं, चना, मसूर, मटर, जौ एवं सरसों आदि की खेती बड़े पैमाने पर होती है।
इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून के सीजन में देश के अंदर सामान्य औसत से अधिक बारिश हुई है जिससे न केवल खेतों में नमी का अंश बढ़ गया है बल्कि बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर भी काफी ऊंचा हो गया है। इससे रबी फसलों की सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध रहेगा।
गेहूं, चना एवं सरसों का थोक मंडी भाव ऊंचा चल रहा है और किसानों को अच्छी आमदनी प्राप्त हो रही है। इससे इन फसलों की खेती के प्रति उसका उत्साह एवं आकर्षण बढ़ने की उम्मीद है।
किसान इन तीनों प्रमुख फसलों का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का भरपूर प्रयास कर सकते हैं जबकि मौसम भी अनुकूल रहने की संभावना है। रबी सीजन में धान, मूंगफली, उड़द एवं मूंग के साथ-साथ ज्वार एवं मक्का की खेती भी होती है।
रबी सीजन के दौरान मक्का का सर्वाधिक उत्पादन बिहार में होता है। इसके अलावा रबी सीजन के दौरान जीरा तथा धनिया सहित कुछ अन्य मसाला फसलों का भी भारी उत्पादन होता है जिसमें मेथी एवं सौंफ भी शामिल है। गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में धनिया की खेती होती है।
देश के अधिकांश राज्यों में इस बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य या इससे अधिक वर्षा हुई है जिससे किसानों को रबी फसलों की अगैती बिजाई शुरू करने में कठिनाई नहीं होगी। महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान जैसे प्रांतों में चना का उत्पादन क्षेत्र बढ़ने की प्रबल संभावना है।
अच्छी बात है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून अगले कुछ दिनों में देश से प्रस्थान कर जाएगा जिससे मध्य अक्टूबर से बारिश की संभावना घट जाएगी। खेतों में नमी की कोई कमी नहीं है और खाद बीज का भी पर्याप्त भंडार मौजूद है।