iGrain India - वैंकुवर । कनाडा के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक-वैंकुवर पोर्ट पर ग्रेन टर्मिनल वर्कर्स की हड़ताल को खाद्यान्न, दलहन एवं तिलहन-तेल आदि का निर्यात शिपमेंट प्रभावित होने की आशंका है जिससे खासकर प्रेयरी संभाग के किसान एवं निर्यातक बेहद परेशान है।
मालूम हो कि पश्चिमी कनाडा का प्रेयरी संभाग के किसान एवं निर्यातक बेहद परेशान है। मालूम हो कि पश्चिमी कनाडा का प्रेयरी संभाग सबसे प्रमुख कृषि उत्पादक क्षेत्र माना जाता है जहां गेहूं, कैनोला , मसूर, मटर एवं जौ सहित कई अन्य फसलों का भारी उत्पादन होता है।
इस क्षेत्र में बसंतकालीन फसलों की कटाई-तैयारी अभी जारी है और वैंकुवर बंदरगाह से इसका निर्यात बाधित होने पर वहां इसकी कीमतों में नरमी आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
गत 21 सितम्बर को ग्रेन वर्कर्स यूनियन (लोकल 333) ने टर्मिनल ऑपरेटर्स को 72 घंटे की हड़ताल के लिए एक नोटिस जारी किया था।
वैंकुवर टर्मिनल एलीवेटर्स एसोसिएशन इसका प्रतिनिधत्व करता है। इस पत्र (नोटिस) में कहा गया था कि श्रमिक आज यानी 24 सितम्बर की सुबह से अपने काम पर नहीं आएंगें।
इधर ग्रेन ग्रोअर्स ऑफ कनाडा का लक्ष्य है कि देश से कृषि उत्पादों के निर्यात का पीक सीजन चल रहा है और ऐसे समय में हो रही श्रमिकों की हड़ताल से काफी नुकसान हो सकता है।
शिपिंग फेडरेशन ऑफ कनाडा ने कहा है कि इस हड़ताल से वैंकुवर बंदरगाह पर अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के टर्मिनल पर कारोबार प्रभावित होगा जिसमें विटेरा, रिचर्डसन, कारगिल, जी 3 तथा अलायंस ग्रेन आदि शामिल है।
लेकिन फ्रेजर ग्रेन टर्मिनल तथा प्रिंस रुपर्ट ग्रेन टर्मिनल पर इस हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत में कनाडा से दलहनों-मुख्यत: मसूर एवं मटर का आयात होता है। वैंकुवर बंदरगाह पर रोजाना एक लाख टन कृषि उत्पाद पहुंचता है।