iGrain India - काठमांडू । भारत के उत्तरी पड़ोसी देश- नेपाल में त्यौहारी सीजन के आरंभ होने की व्यापारियों स्टॉकिस्टों एवं मिलर्स ने विभिन्न आवश्यक आवश्यक खाद्य उत्पादों की कीमतों में बढ़ोत्तरी करना शुरू कर दिया है जिसमें चावल, खाद्य तेल, दाल तथा चीनी आदि शामिल हैं।
खुदरा व्यापारियों का कहना है कि इन उत्पादों का भाव 'दशैन' तथा 'तिहार' पर्व तक ऊंचे स्तर पर बरकरार रह सकता है। मालूम हो कि दशैन तथा तिहार नेपाल के दो सबसे प्रमुख त्यौहार हैं।
उल्लेखनीय है कि नेपाल में आवश्यक खाद्य उत्पादों का दाम भारतीय बाजार से बहुत ज्यादा प्रभावित रहता है। हालांकि भारत में हाल के दिनों में खाद्य उत्पादों का दाम नहीं या बहुत कम बढ़ा है मगर कुछ अवसरवादी नेपाली व्यापारियों ने मनमाने ढंग से वहां इसका भाव बढ़ाना शुरू कर दिया है।
दरअसल नेपाल में बाजार निगरानी तंत्र बहुत कमजोर है और व्यापारी इसका फायदा उठाकर कीमतों में तेजी लाने का प्रयास करते हैं।
भारत में 14 सितम्बर से खाद्य तेलों पर 20 प्रतिशत की दर से आयात शुल्क में वृद्धि का आदेश लागू हुआ जिसमें क्रूड रिफाइंड- दोनों श्रेणी का खाद्य तेल शामिल है।
नेपाल के आयातकों ने इस मौके का फायदा उठाना शुरू कर दिया और वहां खाद्य तेलों के दाम में भारी इजाफा होने लगा जबकि वहां आयात शुल्क में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई। नेपाल रिटेलर्स एसोसिएशन के अनुसार नेपाली होल सेलर्स एवं रिटेलर्स पहले ही दाम बढ़ा चुके हैं।
लगभग एक सप्ताह पूर्व नेपाल में खाद्य तेलों के दाम में 20 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो गई थी जबकि आगे इसमें और भी बढ़ोत्तरी होने की संभावना है क्योंकि त्यौहारी मांग बढ़ने लगी है।
एसोसिएशन के अनुसार बाजार में फैलती अफवाह तथा कमजोर निगरानी प्रणली के कारण कीमतों में ज्यादा अस्थिरता आ रही है।
वैसे भी त्यौहारी सीजन में खाद्य तेलों की मांग चरम सीमा पर होती है। सूरजमुखी तेल का भाव 190 रुपए से बढ़कर 210 रुपए (नेपाली मुद्रा) प्रति लीटर तथा सरसों तेल का दाम 350 रुपए से बढ़कर 370 रुपए प्रति लीटर हो गया है। बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर सख्त शिकंजा कसने की जरूरत है।