iGrain India - चेन्नई । तमिलनाडु में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से वितरण के लिए कनाडाई पीली मसूर की खरीद हेतु जारी एक टेंडर के खिलाफ एक कमीशन एजेंट ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
इसमें कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार ने पीडीएस के जरिए तुवर दाल की ही आपूर्ति करने का एक नीतिगत निर्णय लिया है जबकि तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा कनाडियन पीली मसूर के लिए बिड (बोली) आमंत्रित किया गया है जो राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय के खिलाफ है।
याचिका में आगे कहा गया है कि इस टेंडर से भारी नुकसान (घाटा) होने की आशंका है। कनाडाई पीली मसूर का प्रॉफिट मार्जिन 25 रुपए प्रति किलो तक बढ़ जाएगा जिससे सरकारी खजाने को 120 करोड़ रुपए से अधिक राशि का चपत लग जाएगी।
इस दलील का प्रतिवाद करते हुए महाधिवक्ता ने कहा है कि ये वही याचिकाकर्ता है जिसने वर्ष 2023 में दाल-दलहन की खरीद प्रक्रिया में कनाडियन पीली मसूर को भी शामिल करवाने के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। लेकिन अब वह उस प्रक्रिया को चुनौती दे रहा है।
महाधिवक्ता एवं याचिकाकर्ता पक्ष की दलील को सुनने के बाद दो जजों की बेंच ने तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (टीएनसीएससी) को इस पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश देते हुए अदालत की कार्रवाई रोक दी।
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि अरहर (तुवर) दाल एवं कनाडाई पीली मसूर अलग-अलग किस्मों की दालें हैं जिसमें कोई समानता नहीं है और इसका दाम भी अलग-अलग रहता है इसलिए इसे एक एकल खरीद के संवर्ग में रखना उचित नहीं है।
टेंडर प्रक्रिया का संचालन करने के क्रम में निगम ने मनमाना एवं एक तरफा रवैया अपनाया है इसलिए इस टेंडर को कैंसिल किया जाना चाहिए।
निगम को बार-बार आगाह किया गया कि तुवर दाल तथा कनाडाई पीली मसूर के दाम में भारी अंतर है इसलिए इसका टेंडर दिए जाने पर राजकोष को भारी हानि उठानी पड़ेगी लेकिन फिर भी निगम अपना दिमाग इस्तेमाल करने में असफल रहा।