iGrain India - नई दिल्ली । पिछले साल की भांति चालू वित्त वर्ष के दौरान देश से बासमती चावल के निर्यात में शानदार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
सऊदी अरब, इराक, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, ओमान, कुवैत, जोर्डन, अमरीका तथा यूरोपीय संघ के सदस्य देशों एवं इंग्लैण्ड आदि में भारतीय बासमती चावल की अच्छी मांग बनी हुई है।
हालांकि एक प्रमुख खरीदार देश- ईरान ने अगस्त में चावल के आयात पर तीन महीनों के लिए रोक लगा दी थी जो अक्टूबर के अंत तक बरकरार रहेगी मगर उसके बाद वहां भी भारत से बासमती चावल का आयात तेजी से बढ़ने की उम्मीद है। इससे पूर्व अप्रैल-जुलाई के दौरान ने भारत से अच्छी मात्रा में बासमती चावल का आयात किया।
सरकारी निकाय- कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष के शुरूआती चार महीनों में यानी अप्रैल-जुलाई 2024 के दौरान भारत से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 19 लाख टन से ऊपर पहुंच गया
जो पिछले साल की समान अवधि के शिपमेंट से करीब 20 प्रतिशत अधिक रहा। न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) लागू होने के बावजूद बासमती चावल के निर्यात में हुई यह शानदार बढ़ोत्तरी काफी सुखद बात है।
वित्त वर्ष 2023-24 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश से बासमती चावल का कुल निर्यात उछलकर 52.40 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था जबकि अगस्त 2023 से ही इसके लिए मेप लागू हो गया था।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से कनाडा, इराक, ओमान, सऊदी अरब एवं इंग्लैण्ड जैसे देशों में बासमती चावल के निर्यात में अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि ईरान में इसका निर्यात प्रदर्शन कुछ कमजोर रहा।
चालू वर्ष के दौरान बासमती धान के क्षेत्रफल में इजाफा होने तथा मौसम एवं मानसून की हालत अनुकूल रहने से बासमती चावल के उत्पादन में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है जबकि सरकार ने इसका मेप भी हटा लिया है।
इसके फलस्वरूप आगामी महीनों के दौरान भारत से बासमती चावल के निर्यात में शानदार बढ़ोत्तरी का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं। भारत दुनिया में चावल का सबसे प्रमुख निर्यातक एवं दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बना हुआ है।