iGrain India - नई दिल्ली । खरीफ सीजन के सबसे प्रमुख खाद्यान्न- धान की खेती में इस बार किसानों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया क्योंकि मानसून की बारिश का उसे आरंभ से ही अच्छा सहारा मिला।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर धान का उत्पादन क्षेत्र पिछले साल के 404.50 लाख हेक्टेयर से 9 लाख हेक्टेयर बढ़कर इस बार 413.50 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जो पंचवर्षीय सामान्य औसत क्षेत्रफल 401.55 लाख हेक्टेयर से भी करीब 12 लाख हेक्टेयर ज्यादा है। भरपूर बारिश होने से फसल की हालत बेहतर बनी हुई है।
इस बीच केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने चावल का घरेलू उत्पादन 2022-23 सीजन के 1357.55 लाख टन से 20.70 लाख हेक्टेयर बढ़कर 2023-24 के सीजन में 1378.25 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया है
जो अंतिम अनुमान है। इसमें खरीफ, रबी एवं जायद-तीनों सीजन का उत्पादन शामिल है। पिछले साल खरीफ सीजन में धान का रकबा कम रहा था और मानसून की बारिश भी अनिश्चित एवं अनियमित रही थी।
उसके मुकाबले चालू खरीफ सीजन में क्षेत्रफल बढ़ा है और पर्याप्त बारिश भी हुई है। कुछ इलाकों में तो अत्यन्त मूसलाधार बारिश होने तथा भयंकर बाढ़ आने से धान की फसल को नुकसान होने की सबर भी मिल रही है लेकिन इसके बावजूद कुल उत्पादन बेहतर होने के आसार हैं।