iGrain India - चंडीगढ़ । पंजाब की 1836 मंडियों में खाद्यान्न खरीफ एवं पैकिंग लोडिंग में सहयोग देने वाले आढ़तियों (कमीशन एजेंट) तथा मजदूरों ने 1 अक्टूबर 2024 से हड़ताल पर जाने की घोषणा की है।
मालूम हो कि इसी दिन से राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से धान की सरकारी खरीद शुरू होने वाली है।
श्रमिक अपनी मजदूरी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं जबकि आढ़तियों का कहना है कि नई कटाई वाली फसल के धान की खरीद प्रचलित नियमों के अनुरूप हो अन्यथा उसे उच्च नमी के अंश तथा बदरंगता प्रतिशत के लिए अलग से भुगतान किया जाए।
समझा जाता है कि धान की एक बोरी को भरने, तौलने, स्टिच (नत्थी) करने तथा लोडिंग करने के समय में मजदूरों को 12.82 रुपए का भुगतान किया जाता है। यह मजदूरी बहुत कम है और इसमें 5 से 8 पैसे की मामूली वार्षिक बढ़ोत्तरी की जाती है।
उधर आढ़तिया एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि आमतौर पर जब मंडियों में धान की आवक तेजी से बढ़ती है तब प्रांतीय स्तर की खरीद एजेंसियों की यह प्रवृति देखी जाती है कि वे नमी के अंश एवं बदरंग दाने के नियमों को नजरअंदाज कर देती है।
खरीद करने के बाद धान के स्टॉक को कुछ दिनों के लिए आढ़तियों के परिसर में रखा जाता है। समय गुजरने के साथ धान में नमी का अंश घट जाता है और उसके वजन में कमी आ जाती है। तब एजेंसियों आढ़तियों से वजन की कमी को पूरा करने के लिए कहती हैं।
यह कमी करोड़ों रुपए में हो सकती है। इसमें आढ़तियों का कोई दोष नहीं होता है लेकिन फिर भी खामियाजा उसे ही भुगतने के लिए विवश किया जाता है।
इसे देखते हुए आढ़तियों ने 1 अक्टूबर से तब तक हड़ताल करने का निर्णय लिया है जब तक यह मुद्दा पूरी तरह सुलझ नहीं जाता है।