iGrain India - चेन्नई । यूरोपीय आयोग द्वारा संघ में पाकिस्तानी बासमती चावल के लिए भौगोलिक संकेतक दर्जा (जी आई टैग) प्रदान किए जाने की नगण्य संभावना है।
दरअसल चालू वर्ष के आरंभ में पाकिस्तान ने जी आई टैग के लिए यूरोपीय आयोग के पास आवेदन किया था मगर इटली ने इसका कड़ा विरोध किया और आयोग ने अपने उसके विरोध को स्वीकार कर लिया है।
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों की कृषि समिती की एक महत्वपूर्ण बैठक पिछले सप्ताह आयोजित हुई थी जिसमें इटली ने यह मुद्दा उठाया था और बुल्गारिया रोमानिया, स्पेन तथा यूनान (ग्रीस) ने उसका समर्थन किया था।
उस मीटिंग के बाद 23 सितम्बर को यूरोपीय आयोग (ईसी) ने अपना निर्णय लिया। पाकिस्तान के आवेदन के विरोध को यूरोपीय आयोग ने स्वीकार करने का फैसला किया है। इटली के कृषि मंत्री ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह एक अच्छी खबर है।
समझा जाता है कि दो प्रमुख कृषि व्यापार एवं उद्यमी संगठन पाकिस्तान के आवेदन का विरोध करने के मूल में है। उसने पाकिस्तान को बासमती चावल के लिए जीआई टैग दिए जाने के खिलाफ यूरोपीय संघ को आगाह किया था।
इटली की सरकार ने उसके पक्ष को स्वीकार करते हुए कृषि मंत्रियों की मीटिंग में यह मुद्दा उठाया और उसे चार अन्य सदस्य देशों का समर्थन भी प्राप्त हो गया।
इसके फलस्वरूप पाकिस्तान की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं क्योंकि इटली के पक्ष में स्पेन, सूडान और रोमानिया जैसे महत्वपूर्ण देश खड़े हो गए हैं।
इटली के दोनों संघों का कहना है कि पाकिस्तानी बासमती चावल को जीआई टैग नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे बाल श्रमिक, गैर क़ानूनी कीटनाशक एवं डम्पिंग आदि का खतरा है। उसे शुल्क में भी छूट देनी पड़ेगी जिससे यूरोपीय चावल उद्योग के लिए कठिनाई बढ़ सकती है।