iGrain India - नई दिल्ली । बिहार के कृषि मंत्री ने कहा है कि राज्य में मक्का का उत्पादन बढ़ रहा है और अब प्राइवेट क्षेत्र को राज्य में हाइब्रिड मक्का बीज के उत्पादन तथा भंडारण सुविधाओं के विकास-विस्तार के लिए पूंजी का निवेश करना चाहिए।
फिक्की द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कृषि मंत्री ने चालू वर्ष के दौरान बिहार में मक्का के बिजाई क्षेत्र का लक्ष्य बढ़ाकर 10 लाख हेक्टेयर पर पहुंचाने की घोषणा की।
कृषि मंत्री का कहना था कि बिहार भारत का पांचवां सबसे बड़ा मक्का उत्पादक राज्य है और इसका बाजार भाव आकर्षक होने से किसान इसकी खेती में भारी दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
बिहार की मंडियों में मक्का का दाम बढ़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर पहुंच गया है जिससे किसान काफी उत्साहित है।
कृषि मंत्री के अनुसार मक्का का उपयोग अब केवल मानवीय खपत और पशु आहार तक सीमित नहीं है बल्कि एथनॉल निर्माण में भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।
इसके अलावा स्टार्च निर्माता भी अच्छी मात्रा में इसका इस्तेमाल करते हैं। एथनॉल उत्पादन में मक्का के उपयोग की अनुमति दिए जाने से इस महत्वपूर्ण मोटे अनाज की मांग कई गुणा बढ़ गई है जबकि आगे इसमें और बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। इससे समूचे बिहार में एथनॉल प्लांट लगाने की संभावना बढ़ गई है।
लेकिन इससे दो तरह की चुनौतियां भी सामने आ गई हैं। पहली बात तो यह है कि राज्य में हाइब्रिड मक्का बीज का अभाव रहता है और दूसरी बात अपर्याप्त भंडारण सुविधा की है।
कृषि मंत्री के अनुसार बिहार इस हाइब्रिड बीज की भारी कमी का सामना कर रहा है इसलिए प्राइवेट कंपनियों को स्थानीय स्तर पर इसका उत्पादन शुरू करना चाहिए।
इसके लिए एक नई नीति तैयार की जा रही है और दिलचस्पी की अभिव्यक्ति के साथ इसे जल्दी ही जारी किया जाएगा। फिलहाल तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में हाइब्रिड मक्का बीज का उत्पादन बड़े पैमाने पर हो रहा है।