iGrain India - सरकारी स्टॉक की बिक्री बंद रहने से गेहूं के दाम में तेजी का दौर जारी
नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं बेचने के बजाए उन नौ राज्यों में पीडीएस के माध्यम से लाभार्थियों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने का फैसला किया है जहां वर्ष 2022 में ही इसे रोक दिया गया था। इसमें बिहार, झारखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, तमिलनाडु एवं पश्चिम बंगाल शामिल हैं। सरकार के इस निर्णय से मिलर्स-प्रोसेसर्स को समुचित मात्रा में गेहूं का स्टॉक प्राप्त करने के लिए कठिन संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि त्यौहारी सीजन के कारण गेहूं उत्पादकों की मांग एवं खपत बढ़ती जा रही है।
दिल्ली
21 से 27 सितम्बर वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का भाव 55 रुपए की वृद्धि के साथ 2960/2975 रुपए प्रति क्विंटल की ऊंचाई पर पहुंच गया जबकि इसकी दैनिक आवक 6 से 10 हजार बोरी के बीच दर्ज की गई।
उत्तर प्रदेश
इसी तरह कोटा में गेहूं का दाम 170 रुपए उछलकर 2685/2950 रुपए प्रति क्विंटल, उत्तर प्रदेश की मैनपुरी में 110 रुपए बढ़कर 2651 रुपए और गोंडा में 100 रुपए बढ़कर 2745/2770 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। शाहजहांपुर, सीतापुर एवं गोरखपुर में गेहूं का भाव 60-60 रुपए तथा हरदोई में 50 रुपए प्रति क्विंटल तेज रहा। दूसरी ओर गेहूं का दाम महाराष्ट्र की जालना मंडी में 200 रुपए घटकर 2600/3300 रुपए प्रति क्विंटल और मध्य प्रदेश के डबरा में 20 रुपए गिरकर 2720/2750 रुपए प्रति क्विंटल रह गया।
आवंटन
सरकार ने उपरोक्त नौ राज्यों में अक्टूबर 2024 से मार्च 2025 तक वितरण के लिए 35 लाख टन अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करने का निर्णय लिया है। उद्योग को समुचित मात्रा में गेहूं उपलब्ध नहीं हो रहा है क्योंकि थोक मंडियों में इसकी सीमित आवक हो रही है।
मंडी भाव
गेहूं का सरकारी समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल नियत है जबकि मंडी भाव इससे काफी ऊपर चल रहा है। आगामी सप्ताहों के दौरान इसमें और भी तेजी आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। जल्दी ही गेहूं के अन्य समर्थन मूल्य की घोषण होने वाली है। गेहूं पर भंडारण सीमा भी लागू है मगर बाजार भाव पर इसका कोई असर नहीं देखा जा रहा है।