iGrain India - जयपुर । रबी सीजन की सबसे प्रमुख तिलहन- सरसों की बिजाई का समय आ गया है जबकि पिछली फसल की आपूर्ति का ऑफ सीजन होने से ऊंचे बाजार भाव के बावजूद मंडियों में इसकी आवक घटने लगी है।
गुलाबी नगरी जयपुर के चांदपोल की अनाज मंडी में स्थित विश्वसनीय एवं लोकप्रिय प्रतिष्ठान- मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि चालू रबी मार्केटिंग सीजन के शुरूआती सात महीनों में यानी मार्च से सितम्बर 2024 के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर कुल 90 लाख टन सरसों की आवक हुई।
इसके तहत मंडी परिसरों में मार्च में 15.50 लाख टन, अप्रैल में 15 लाख टन, मई में 11 लाख टन, जून में 9 लाख टन, जुलाई में 8.50 लाख टन, अगस्त में 6 लाख टन तथा सितम्बर में 5 लाख टन सरसों की आवक होने का अनुमान है।
इसके अलावा सरकारी क्रय केन्द्रों पर मार्च में 10 हजार टन, अप्रैल में 13.80 लाख टन, मई में 5.60 लाख टन तथा जून में 50 हजार टन सरसों पहुंची जिसकी खरीद नैफेड तथा हैफेड जैसी एजेसनियों द्वारा की गई।
मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के अनुसार समीक्षाधीन अवधि के दौरान करीब 74 लाख टन सरसों की क्रशिंग हुई। इसके तहत मार्च में 13 लाख टन, अप्रैल में 12.50 लाख टन, मई में 10 लाख टन, जून में भी 10 लाख टन, जुलाई में 9 लाख टन, अगस्त में 10 लाख टन तथा सितम्बर में 9.50 लाख टन सरसों की क्रशिंग होने का अनुमान है।
उद्योग-व्यापार क्षेत्र के शीर्ष संगठनों ने 2023-24 के रबी सीजन के दौरान उत्तर प्रदेश में 13 लाख टन, राजस्थान में 53 लाख टन, पंजाब-हरियाणा में 12 लाख टन, मध्य प्रदेश में 13 लाख टन, गुजरात में 5 लाख टन तथा बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 19 लाख टन के साथ राष्ट्रीय स्तर पर 115 लाख टन सरसों के उत्पादन का संशोधित अनुमान लगाया है।
पिछला स्टॉक 12 लाख टन का था जिससे कुल उपलब्धता 127 लाख टन पर पहुंची मगर इसमें से 7 लाख टन की खपत फरवरी 2024 में हो गई इसलिए 1 मार्च से आरंभ हुए मार्केटिंग सीजन के लिए 120 लाख टन सरसों का स्टॉक आंका गया।
कुल 108 लाख टन के उत्पादन में से 90 लाख टन की आवक होने के बाद किसानों के पास 1 अक्टूबर 2024 को 18 लाख टन सरसों का स्टॉक बच गया जबकि सरकारी एजेंसियों के पास 22 लाख टन का स्टॉक बचा हुआ है।
इसके अलावा क्रशर्स- प्रोसेसर्स तथा व्यापारियों-स्टॉकिस्टों के पास भी 6 लाख टन का स्टॉक मौजूद है। इस तरह देश में 1 अक्टूबर 2024 को कुल मिलाकर 46 लाख टन का स्टॉक मौजूद था।