iGrain India - नई दिल्ली। केन्द्रीय पूल में चावल के भरपूर स्टॉक के बीच खरीफ कालीन धान की आवक एवं सरकारी खरीद आरंभ हो गई है जिससे इसकी मात्रा आगे भी निरन्तर बढ़ती रहेगी। लेकिन गेहूं का मामला कुछ जटिल प्रतीत होता है क्योंकि इसकी बिजाई शुरू होने वाली है जबकि नई फसल मार्च अप्रैल 2025 से पहले नहीं आएगी।
उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 1 अक्टूबर 2024 को केन्द्रीय पूल में 317.17 लाख टन चावल तथा 242.07 लाख टन गेहूं के साथ कुल 559.24 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद था।
इससे पूर्व 1 सितम्बर को खाद्यान्न का कुल स्टॉक 574.57 लाख टन आंका गया था जिसमें 251.46 लाख टन गेहूं और 323.11 लाख टन चावल की मात्रा शामिल थी।
वर्ष 2023 में 232.88 लाख टन चावल एवं 260.37 लाख टन गेहूं के साथ 493.25 लाख टन तथा वर्ष 2022 की समीक्षाधीन अवधि में 244.65 लाख टन चावल एवं 248.22 लाख टन गेहूं के साथ कुल 492.85 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक उपलब्ध था।
सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत अक्टूबर 2024 से मार्च 2024 के बीच वितरण के लिए 35 लाख टन गेहूं का अतिरिक्त स्टॉक जारी करने का निर्णय लिया है जिससे उन नौ राज्यों में लाभार्थियों को राहत मिलेगी जहां वर्ष 2022 में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गेहूं का आवंटन बंद या कम कर दिया गया था।
इसके साथ ही सरकार की तरफ से यह संकेत भी दिया जा रहा है कि खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत गेहूं की ई-नीलामी (बिक्री) की प्रक्रिया शुरू करने में देर हो सकती है। वैसे ही इसमें काफी देर हो चुकी है। जुलाई में ही इस योजना के तहत गेहूं बेचने की प्रक्रिया का निर्धारण हुआ था।