iGrain India - कोच्चि । हालांकि कालीमिर्च की आपूर्ति का ऑफ सीजन चल रहा है और अभी पर्व-त्यौहारों का समय भी चल रहा है जिसे देखते हुए इसकी कीमतों में तेजी आनी चाहिए थी लेकिन इसके विपरीत बाजार कुछ नीचे आ गया है।
विदेशों से बढ़ते आयात तथा कमजोर घरेलू मांग के कारण पिछले दो सप्ताह के अंदर कालीमिर्च के दाम में 17 रुपए प्रति किलो की भारी गिरावट दर्ज की गई।
व्यापार विश्लेषकों के अनुसार कोच्चि के टर्मिनल मार्केट में विभिन्न देशों से आयातित 4422 टन कालीमिर्च का बड़ा भाग पहुंचने से कीमतों पर दबाव बढ़ रहा है।
सबसे अधिक आयात श्रीलंका से हो रहा है। इसके अलावा ब्राजील वियतनाम तथा इंडोनेशिया जैसे देशों से भी कालीमिर्च मंगाई जा रही है।
विशाल आयात के कारण घरेलू बाजार में कालीमिर्च की आपूर्ति एवं उपलब्धता काफी बढ़ गई है जिससे खपतकर्ता उद्योग ने अपनी खरीद प्रक्रिया की गति धीमी कर दी है क्योंकि अक्टूबर-नवम्बर डिलीवरी के लिए कालीमिर्च की खरीदारी नीचे दाम पर कर ली है।
भारतीय कालीमिर्च एवं मसाला व्यापार संघ (इप्सता) के डायरेक्टर का कहना है कि घरेलू बाजार (उत्पादक मंडियों) में कालीमिर्च के भाव फिलहाल गार्बल्ड श्रेणी के लिए 666 रुपए प्रति किलो एवं अन गार्बल्ड किस्म के लिए 646 रुपए प्रति किलो चल रहा है।
इसके विपरीत 500 जीएल वैरायटी की कालीमिर्च का दाम 636 रुपए प्रति किलो ही बताया जा रहा है। त्यौहारी सीजन के जारी रहने के बावजूद उत्तरी भारत के खपत केन्द्रों में कालीमिर्च की मांग कमजोर देखी जा रही है क्योंकि वहां विदेशों से आयातित सस्ते माल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है और इसका दाम भी घरेलू प्रभाग में उत्पादित कालीमिर्च के मूल्य से करीब 25 रुपए प्रति किलो नीचे है।
इधर चीन की मांग कमजोर रहने से वियतनाम का निर्यात प्रभावित हो रहा है। ज्ञात हो कि वियतनाम से चीन को प्रति वर्ष औसतन 60,000 टन कालीमिर्च का निर्यात किया जाता है।
इसी तरह पश्चिम एशिया में युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होने से अमरीका और यूरोपीय संघ में भी कालीमिर्च का आयात घटने लगा है या फिर शिपमेंट में देर होने लगी है।