iGrain India - चंडीगढ़ । पंजाब के राइस मिलर्स द्वारा 2023-24 के मार्केटिंग सीजन में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को करीब 124 लाख टन चावल की आपूर्ति की गई थी जिसमें से अब तक केवल 7 लाख टन के स्टॉक को ही अन्य राज्यों में भेजा जा सका है जबकि मेप 117 लाख टन का विशाल स्टॉक वहां मौजूद है।
मिलर्स एवं सेलर्स की चिंता इसलिए बढ़ गई है कि 2024-25 सीजन के लिए आवंटित धान की मिलिंग के बाद जो चावल बनेगा उसकी डिलीवरी स्वीकारने से खाद्य निगम हिचक जाएगा क्योंकि उसके पास भंडारण सुविधा का अभाव है।
मिलर्स को लम्बे समय तक चावल का स्टॉक अपने पास रखने के लिए विवश होना पड़ेगा जिससे भंडारण की समस्या उत्पन्न होगी और आर्थिक नुकसान भी होगा।
पिछले साल पंजाब में लगभग 185 लाख टन धान की सरकारी खरीद हुई थी और उसे 5000 से ज्यादा राइस मिलर्स को कस्टम मिलिंग के लिए आवंटित किया गया था मिलर्स को उम्मीद थी कि 31 मार्च 2024 तक चावल की कुल मात्रा की डिलीवरी हो जाएगी लेकिन खाद्य निगम इस नियत तिथि तक चावल का पूरा स्टॉक स्वीकार करने की स्थिति में नहीं था।
इसके बजाए उसने प्रतिमाह मिलर्स से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में ही चावल की आपूर्ति करने के लिए कहा और डिलीवरी की समय सीमा को भी 30 सितम्बर तक बढ़ा दिया।
1 अक्टूबर से पंजाब में धान की खरीद का नया मार्केटिंग सीजन आरंभ हो गया है और राइस मिलर्स को लगता है कि इस बार चावल की डिलीवरी में पिछले साल से भी ज्यादा कठिनाई हो सकती है।
इसके फलस्वरूप उसने खाद्य निगम का स्टॉक लेने से इंकार करने का निर्णय लिया है। मिलर्स का स्पष्ट कहना है कि खाद्य निगम पहले अपने गोदाम खाली करे तभी धान का स्टॉक स्वीकार किया जाएगा।
इससे हालात विषम हो गए हैं। पंजाब में शीघ्र ही धान की विशाल आवक होने वाली है और यदि इसका सही समय पर उठाव नहीं हुआ तो मंडियों में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का अम्बार लग जाएगा।