iGrain India - तिरुअनन्तपुरम । भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले पखवाड़े के लिए जारी अपने मौसम परिदृश्य (रिपोर्ट) में कहा है कि जून से सितम्बर के चार महीनों में सक्रिय रहने वाला दक्षिण-पश्चिम मानसून वापस लौटने लगा है और अक्टूबर के दूसरे सप्ताह तक यह देश की मुख्य भूमि से पूरी तरह प्रस्थान कर सकता है।
इसके बाद 15 अक्टूबर के आसपास तमिलनाडु, केरल तथा आंध्र प्रदेश के कुछ भागों में उत्तर-पूर्व मानसून सक्रिय हो सकता है। उल्लेखनीय है कि उत्तर-पूर्व मानसून का समय अक्टूबर से दिसम्बर तक माना जाता है और इस अवधि में खासकर दक्षिण भारत में अच्छी वर्षा होती है।
सांख्यिकी मॉडल से पता चलता है कि 8-9 अक्टूबर से दक्षिण-पश्चिम हवा का प्रवाह बंद होने लगेगा और उत्तरी-पूर्वी हवा के प्रवाह के लिए धीरे-धीरे मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
कभी-कभार आकस्मिक अवसरों को छोड़कर वायु प्रवाह की यह प्रवृत्ति बंगाल की खाड़ी, दक्षिणी प्रायद्वीप एवं अरब सागर के ऊपर देखी जा सकेगी।
8-9 अक्टूबर से अगले 3-4 दिनों में इसकी प्रक्रिया पूरी हो सकती है इसलिए 15 अक्टूबर तक उत्तर-पूर्व मानसून का आगमन होने की संभावना व्यक्त की गई है।
उसी समय बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन तथा अरब सागर में इसके समकक्ष सर्कुलेशन का निर्माण होने की उम्मीद है जिससे उत्तर-पूर्व मानसून को आगे बढ़ने के लिए गति और ताकत मिल सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान अक्टूबर से दिसम्बर के बीच दक्षिण भारत में सामान्य औसत से अधिक वर्षा हो सकती है।
इसमें केरल, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश भी शामिल हैं। वहां 33.4 से०मी० की औसत दीर्घकालीन वर्षा के सापेक्ष 112 प्रतिशत बारिश होने का अनुमान लगाया गया है जिससे रबी कालीन फसलों को फायदा होने की उम्मीद है।