iGrain India - लालमिर्च में तेजी की संभावना नहीं नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान लालमिर्च में निर्यातक एवं लोकल मांग कम बनी रहने के कारण नरमी का रुख रहा। उल्लेखनीय है कि प्रमुख उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना में देर तक बारिश होने के कारण इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई में विलम्ब होने के अलावा बिजाई क्षेत्रफल में भी 20/25 प्रतिशत की कमी रहने के समाचार मिल रहे। इससे पूर्व मध्य प्रदेश में भी इस वर्ष लालमिर्च की बिजाई गत वर्ष की तुलना में कम रही थी वर्तमान में मध्य प्रदेश की मंडियों में नए लालमिर्च की आवक धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। जबकि स्टॉक की अधिकता के कारण गुंटूर मंडी में आवक जोरदार चल रही है।भाव नरमबढ़ती आवक एवं कमजोर मांग के कारण चालू सप्ताह के दौरान गुंटूर मंडी में लालमिर्च तेजा का भाव 188 रुपये से नरमी के साथ 185 रुपए पर बोला गया। स्टॉक की अधिकता के कारण ऑफ सीजन होने के बावजूद दैनिक औसतन आवक 70/80 हजार बोरी की रही। खम्मम मंडी में आवक 10/12 हजार बोरी की रही और तेजा का भाव 200 रुपए पर नरम रहा। वारंगल में भी तेजा का भाव सप्ताहांत में 180 रुपए पर बोला गया। उत्पादक केन्द्रों पर स्टॉक पर्याप्त होने एवं मध्य प्रदेश की मंडियों में नए मालों की आवक शुरू हो जाने के कारण हाल-फिलहाल लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।स्टॉक चालू सीजन के दौरान अधिक पैदावार होने के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर लालमिर्च का स्टॉक गत वर्ष की तुलना में अधिक माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश की गुंटूर मंडी में वर्तमान में लालमिर्च का स्टॉक 40/45 लाख बोरी माना जा रहा है। जबकि खम्मम में स्टॉक 12/13 लाख बोरी एवं वारंगल 13/14 लाख बोरी का स्टॉक होने के समाचार मिल रहे हैं। गत वर्ष इसी समयावधि में गुंटूर में लालमिर्च का स्टॉक 30/35 लाख बोरी के अलावा तेलंगाना में 15/16 लाख बोरी का स्टॉक माना गया था।मध्य प्रदेश मध्य प्रदेश की मंडियों में नए लालमिर्च की आवक धीरे-धीरे बढ़नी शुरू हो गई है। प्रमुख मंडी बेडिया में नए लालमिर्च की आवक 2000/2500 बोरी की होने लगी है। और माही फुलकट का भाव 180/190 रुपए बोला जा रहा है। आगामी दिनों में आवक का दबाव बनने पर कीमतों में गिरावट संभव है। उल्लेखनीय है कि बिजाई का क्षेत्रफल घटने के कारण इस वर्ष मध्य प्रदेश में लालमिर्च का उत्पादन 30/32 लाख बोरी होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं जबकि गत वर्ष उत्पादन 38/40 लाख बोरी का रहा था। तेजी की संभावना नहीं जानकार सूत्रों का कहना है कि हाल-फिलहाल लालमिर्च की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। क्योंकि मध्य प्रदेश की मंडियों में आगामी दिनों में नए लालमिर्च की आवक बढ़नी शुरू हो जाएगी इसके अलावा निर्यातकों की लिवाली कमजोर बनी हुई है जबकि अधिक स्टॉक के कारण स्टॉकिस्ट अपना स्टॉक हल्का करने के लिए बिकवाली का दबाव बराबर बनाए है। जिस कारण से प्रमुख मंडी गुंटूर में लालमिर्च की आवक अच्छी चल रही है। निर्यात कम चीन एवं बांग्ला देश के अलावा मलेशिया की भी कमजोर मांग रहने के कारण चालू सीजन के प्रथम तिमाही में लालमिर्च का निर्यात गत वर्ष की तुलना में कम रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल-जुलाई- 2024 के दौरान लालमिर्च का निर्यात 165779 टन का रहा जबकि गत वर्ष इसी समयावधि के दौरान निर्यात 178277 टन लालमिर्च का निर्यात किया गया था। वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) के दौरान लालमिर्च का कुल निर्यात 601084 टन का किया गया था। जबकि वर्ष 2021-22 में लालमिर्च का रिकॉर्ड निर्यात 649815 टन का रहा था।