iGrain India - साप्ताहिक समीक्षा-गेहूं मिलर्स-प्रोसेसर्स की मजबूत मांग से गेहूं में तेजी नई दिल्ली । खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत सरकारी स्टॉक से निकट भविष्य में गेहूं की बिक्री की उम्मीद लगभग समाप्त होने तथा फ्लोर मिलर्स एवं प्रोसेसर्स की मांग मजबूत रहने से 28 सितम्बर-4 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान गेहूं के थोक मंडी भाव में 100 रुपए प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई। मंडियों में माल की सीमित आवक हो रही है और 40 प्रतिशत का ऊंचा सीमा शुल्क लागू होने से इसका आयात भी बंद है। सरकार ने ओएमएसएस में बिक्री के बजाए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गेहूं का आवंटन बढ़ा दिया है। दिल्ली हालांकि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान दिल्ली में यूपी / राजस्थान के गेहूं का दाम 25 रुपए नरम पड़कर 2990/3000 रुपए प्रति क्विंटल रह गया लेकिन राजकोट में 50 रुपए, इंदौर में 100 रुपए तथा देवास में भी 100 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा हो गया। मध्य प्रदेश में ही गेहूं का दाम डबरा मंडी में 65 रुपए तथा हरदा में 50 रुपए ऊपर चढ़ गया। इटारसी में भी 20 रुपए की तेजी रही। राजस्थान राजस्थान में मिश्रित रुख रहा। वहां कोटा में गेहूं का भाव 20 रुपए गिरकर 2700/2830 रुपए प्रति क्विंटल रह गया मगर बारां में 10 रुपए सुधरा और बूंदी में 50 रुपए बढ़कर 2680/2800 रुपए प्रति क्विंटल हो गया। उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी आमतौर पर गेहूं का भाव मजबूत रहा और इसमें 30 से 60 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। महाराष्ट्र के जालना में भाव 100 रुपए नरम रहा।स्टॉक सरकारी गोदामों में गेहूं का सीमित स्टॉक है जबकि इसका नया माल आने में करीब छह माह की देर है। इसे ध्यान में रखकर सरकार अपने स्टॉक का उपयोग काफी सोच-समझकर करना चाहती है। ऐसा प्रतीत होता है कि जब थोक मंडी भाव जरूरत से ज्यादा बढ़ जाएगा तक सरकार अपने स्टॉक की बिक्री पर ध्यान दे सकती है। ऊंचे बाजार भाव से किसानों को इस वर्ष रबी सीजन में गेहूं का बिजाई क्षेत्र बढ़ाने का अच्छा प्रोत्साहन मिल सकता है। बड़े-बड़े उत्पादकों एवं स्टॉकिस्टों के पास गेहूं का सीमित स्टॉक मौजूद है जबकि इस पर भंडारण सीमा भी लागू है। गेहूं के शुल्क मुक्त आयात की अनुमति दिए जाने संदेह है। एक वर्ग इसकी मांग कर रहा है मगर दूसरा वर्ग इसका विरोध भी कर रहा है। सभी मंडियों में गेहूं का दाम एमएसपी से ऊपर चल रहा है।