iGrain India - साप्ताहिक समीक्षा-धान-चावल मिलर्स एवं निर्यातकों की अच्छी मांग से बासमती धान का भाव मजबूत नई दिल्ली। बासमती चावल पर लागू 950 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (मेप) को सरकार द्वारा समाप्त किए जाने से उत्साहित राइस मिलर्स एवं निर्यातकों ने मंडियों में बासमती धान की खरीद में अच्छी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है जबकि 1509 को छोड़कर अन्य किस्मों के धान की आवक नहीं या नगण्य हो रही है। दिल्ली 25 सितम्बर से 1 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान दिल्ली की नरेला मंडी में 1509 हैण्ड धान का भाव 126 रुपए बढ़कर 1800/2876 रुपए प्रति क्विंटल, पंजाब के अमृतसर में 240 रुपए उछलकर 2500/2810 रुपए प्रति क्विंटल तथा उत्तर प्रदेश के एटा में 250 रुपए बढ़कर 2000/2450 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश यूपी के जहांगीराबाद में भी 1509 धान का दाम 250 रुपए तेज रहा जबकि अलीगढ़ में यह 330 रुपए उछलकर 1800/3045 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंचा लेकिन शाहजहांपुर में 100 रुपए गिरकर 2000/2600 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। ख़ैर एवं डिबाई में भी इसका भाव ऊंचा रहा लेकिन हरियाणा के तरावड़ी में इसका दाम 390 रुपए लुढ़ककर 2650/2860 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। सामान्य श्रेणी के धान की आवक 1 अक्टूबर तक शुरू नहीं हुई थी लेकिन अब हरियाणा तथा पंजाब में आरंभ हो गई है। वहां अन्य श्रेणी के बासमती धान की आवक भी बढ़ने की संभावना है। इस बार उत्पादन बढ़ने के आसार हैं। चावल जहां तक चावल का सवाल है तो अधिकांश मंडियों में इसका कारोबार सुस्त एवं भाव स्थिर देखा गया। भाटापाड़ा मंडी स्वर्ण चावल की कीमत 100 रुपए सुधरकर 2800/2900 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंची। पंजाब / अमृतसर अमृतसर में भाव 50 रुपए तेज रहा मगर 1401 स्टीम के दाम में 100 रुपए की नरमी देखी गई। राजिम मंडी में विभिन्न किस्मों के चावल के दाम में 50 से 150 रुपए प्रति क्विंटल तक का इजाफा दर्ज किया गया। हरियाणा की बेंचमार्क करनाल मंडी में चावल का भाव 200 रुपए तेज रहा जिससे निर्यातकों / व्यापारियों की मजबूत मांग का स्पष्ट संकेत मिलता है।दिल्ली दिल्ली के नया बाजार में 1401 सेला चावल का दाम 300 रुपए लुढ़ककर 6200/6500 रुपए प्रति क्विंटल तथा 1718 सेला का दाम 100 रुपए गिरकर 6300/6600 रुपए प्रति क्विंटल रह गया मगर शरबती स्टीम का भाव 200 रुपए बढ़कर 4800/5200 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया। आवक खरीफ कालीन धान के नए माल की आवक का सीजन अब आरंभ हो गया है। सरकार ने चावल के आयात को नियंत्रण मुक्त कर दिया है जिससे इसकी खरीद बिक्री में आगे तेजी आने की उम्मीद है। सफेद चावल का निर्यात जुलाई 2023 से ही बंद था।