iGrain India - मास्को। घरेलू पैदावार एवं आपूर्ति में कमी आने तथा आयातक देशो की मांग मजबूत रहने से रुसी गेहूं का निर्यात ऑफर मूल्य बढ़कर पिछले तीन माह के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया है। मिश्र और सऊदीअरब काला सागर क्षेत्र से गेहूं की पर्याप्त खरीद का प्रयास कर रहा है। जबकि तुर्की के फ्लोर मिलर्स भी गेहूं के आयात पर लगे प्रतिबंध के हटने का इंतजार कर रहे है। रुसी गेहूं के दाम में महज दो सप्ताह के अंदर 4.3 प्रतिशत का इजाफ़ा हो गया और अब यह बढ़कर 26 जून के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है।
काला बाजार क्षेत्र के बंदरगाहों पर 12.5 प्रतिशत प्रोटीन के अंश वाले रूस के गेहूं का फ्री ऑन बोर्ड औसत इकाई निर्यात ऑफर मूल्य अक्टूबर के दूसरे एवं नवंबर के पहले पखवाड़े के दौरान शिपमेंट के लिए बढ़कर 228.50 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया है।
दरअसल रूस में मौसम काफी प्रतिकूल हो गया है और अनेक इलाको को अत्यंत सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया है। ध्यान देने की बात है कि मई 2024 से ही रूस के विभिन्न भागो मे भयंकर सूखा एवं घना कोहरा का प्रकोप रहा है जिससे गेहूं की फसल काफी हद तक प्रभावित हुई है 2024-25 सीजन के दौरान रूस में गेहूं का उत्पादन घटकर 821 लाख टन तथा देश से इसका निर्यात 470 लाख टन पर सिमटने का अनुमान लगाया गया है। इसके बावजूद रूस संसार में गेहूं का सबसे प्रमुख निर्यातक और तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश बना रहेगा। व्यापार विश्लेषणों के मुताबिक प्रतिकूल मौसम के कारण उत्पादन में आई गिरावट को देखते हुए रूस के किसान अपने गेहूं के स्टॉक की बिक्री में कोई जल्दबाजी नहीं दिखा रहे है। जिससे वहां इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न का भाव ऊँचा एवं तेज होता जा रहा है।