iGrain India - विनीपेग। उत्तरी अमरीका महाद्वीप में मटर के बाजार को खरीदारों का नियमित रूप से अच्छा समर्थन मिल रहा है और उत्पादक भी अपने स्टॉक की बिक्री में काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मटर के निर्यात शिपमेंट की पोजीशन मजबूत देखी जा रही है। उपलब्ध आकड़ों से पता चलता है कि कनाडा में इस बार मटर का कुल अनुमानित उत्पादन के एक-तिहाई से अधिक भाग की बिक्री अब तक किसानों द्वारा की जा चुकी है और यही सिलसिला का आगे भी बरकरार रहा तो नवम्बर के अंत तक वहां उत्पादक केन्द्रों में मटर की आपूर्ति एवं उपलब्धता की स्थिति जटिल हो सकती है।
व्यापार विश्लेषकों के मुताबिक ऐसा प्रतीत होता है कि बेहतर उत्पादन की सम्भावना को देखते हुए उत्पादक मटर के वर्तमान मूल्य से काफी हद तक संतुष्ट हैं और इसलिए अपने स्टॉक को बेचने से हिचक नहीं रहे हैं। कनाडा को मटर के वैश्विक निर्यात बाजार में रूस की जटिल चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
जहाँ तक मसूर का सवाल है तो इसका बाजार भी मजबूत बना हुआ है। मोटी हरी मसूर की कीमतों में अच्छी तेजी देखी जा रही है जबकि लाल मसूर का भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर बना हुआ है। इसके फलस्वरूप हरी मसूर एवं लाल मसूर के बीच कीमतों में अंतर काफी बढ़ गया है। मोटी हरी मसूर एवं छोटी हरी मसूर - दोनों के दाम बढ़ रहे हैं। इसका निर्यात ऑफर मूल्य काफी ऊंचा हो गया है।
पिछले सप्ताह काबुली चना के वैश्विक बाजार में कुछ हद तक स्थिरता का माहौल देखा गया क्योंकि इसकी निर्यात मांग कमजोर रही। देसी चना का स्टॉक सीमित है और काबुली चना में जोरदार कारोबार नहीं हो रहा है। ऑस्ट्रेलिया के कुछ भागों में चना की नई फसल की कटाई के लिए आवश्यक तैयारी शुरू हो गयी है जबकि अक्टूबर के तीसरे-चौथे सप्ताह में कटाई की गति तेज होने की सम्भावना है। वहां मुख्यतः देसी चना का उत्पादन होता है। भारत में रबीकालीन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की घोषणा होने वाली है जिस पर ऑस्ट्रेलिया के उत्पादकों-निर्यातकों का ध्यान केंद्रित है।