iGrain India - अहमदाबाद । गुजरात उच्च न्यायालय ने दीन दयाल (कांडला) पोर्ट के कार्यालय तथा सीमा शुल्क (कस्टम) विभाग के अधिकारियों को एक व्यापारिक जहाज- एसडब्ल्यू साउथ विंड 1 को हिरासत में लेने का आदेश दिया है जो इस बंदरगाह पर और भारतीय जल सीमा के अंदर मौजूद है। इस जहाज को अगले आदेश तक हिरासत में रखने के लिए कहा गया है।
वस्तुतः एक कम्पनी- एमईआईआर कॉमोडिटीज इंडिया द्वारा दायर एक याचिका के बाद हाईकोर्ट की एकल पीठ के जज ने इस आशय का मौखिक आदेश सुनाया।
दरअसल इस जहाज पर एमईआईआर कॉमोडिटीज फर्म का करीब 460 टन सेला चावल का स्टॉक लदा हुआ था जिसे कस्टम विभाग ने रोक रखा था। इसके फलस्वरूप कम्पनी को अदालत की शरण लेनी पड़ी।
उसकी याचिका पर न्यायालय ने जहाज को अगले आदेश तक रोक कर रखने के लिए कहा है। दरअसल राजस्व सर्तकता अधिकारियों को संदेश था कि इस जहाज से सफेद चावल को ऑर्गेनिक चावल बताकर बाहर भेजा जा रहा था।
इस तरह की कुल शिकायतें पहले से ही मिल रही थीं कि ऑर्गेनिक चावल के निर्यात में कुछ अनियमितता या हेरा फेरी हो रही है। कुछ निर्यातक ऑर्गेनिक चावल के नाम पर सामान्य श्रेणी के सफेद चावल का शिपमेंट कर रहे हैं। राजस्व सर्तकता अधिकारियों द्वारा एस डब्ल्यू साउथ विंड 1 के अलावा एक अन्य जहाज एम वी डेल्टा को भी रोक कर रखा गया है।
एमईआईआर ने कोर्ट को सूचित किया कि उसे जेके टी फूड्स यूरोप एमडीसीपी को 604 डॉलर प्रति टन की डर से लम्बे दाने वाले भारतीय आई आईआर - 64 सेला चावल की 450 टन मात्रा की बिक्री करने का आर्डर मिला था और इसके शिपमेंट के लिए जहाज की बुकिंग के तहत ओके इंटरनेशनल लॉजिस्टिक्स एलसीसी के साथ एक करार किया गया।
इस जहाज पर कुल 50,670 टन चावल की लोडिंग होनी थी और कम्पनी का चावल स्टॉक उसका एक छोटा हिस्सा था। लेकिन जब जहाज को कांडला बंदरगाह पर रोक दिया गया तब उसके चावल का भी शिपमेंट नहीं हो सका।
हाईकोर्ट के जज ने कहा है कि इस जहाज को एमईआरआर कम्पनी के कार्गो की वजह से नहीं रोका गया है और इस मामले में कम्पनी का कोई दोष भी नहीं है लेकिन फिर भी उसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ है और इसके लिए वह जहाज ही एक मात्रा जिम्मेदार है।
जहाज को समग्र रूप से पोर्ट पर रोकने का आदेश देते हुए अदालत ने कहा कि निर्यातक फर्म ने 3,67,503 डॉलर के नुकसान का दावा किया है और यदि जहाज का मालिक इसका भुगतान करने के लिए आगे आता है तो अरेस्ट आर्डर को क्रियान्वित नहीं किया जाएगा। मामले की अगली सुनवाई 21 अक्टूबर को होगी।