iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने स्पष्ट किया है कि ड्यूटी ड्रॉबैक तथा प्रांतीय स्तर की लेवी से बचत जैसी योजनाओं- स्कीमों का लाभ प्राप्त करने के इच्छुक निर्यातकों के लिए पंजीकरण-सह-सदस्यता प्रमाण पत्र अनिवार्य नहीं है।
विदेश व्यापार नीति के अनुसार इस पॉलिसी के अंतर्गत उपलब्ध सुविधाओं एवं बचत का लाभ उठाने के लिए निर्यातकों के पास पंजीकरण-सह सदस्यता प्रमाण पत्र होना जरुरी है।
प्रमाण पत्र प्राप्त करने से निर्यातकों को सीमा शुल्क तथा उत्पादक शुल्क के सम्बन्ध में लाभ हासिल करने में भी सहायता मिल सकती है। यह प्रमाण पत्र निर्यात संवर्धन परिषदों और कॉमोडिटी बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है।
विदेशी व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा है कि ड्यूटी ड्रॉबैक, रिबेट ऑफ स्टेट एंड सेन्ट्रल टैक्सेस एवं लेवीज तथा रीमिशन ऑफ ड्यूटीज एवं टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट प्रोडक्ट्स (रोडटेप) जैसी स्कीम रीमिशन आधारित स्कीमों की श्रेणी के अंतर्गत आती हैं और इन स्कीमों का उद्देश्य निर्यात वाले सामानों / उत्पादों पर शुल्क या टैक्स या शुल्क से छूट देना है।
इन स्कीमों के लिए रजिस्ट्रेशन सह सदस्यता सर्टिफिकेट (आरसीएमसी) की आवश्यकता नहीं पड़ती है। डीजीएफटी ने एक व्यापार सूचना में कहा है कि निर्यातक कोई आरसीएमसी प्राप्त किये बगैर भी इन योजनाओं के अंतर्गत बेनीफिट का दावा कर सकते हैं। इससे निर्यातकों को काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
एक अलग आदेश में महानिदेशालय ने स्पष्ट किया है कि डेमो, डिसप्ले, प्रदर्शनी और भारत तथा विदेशों में आयोजित व्यापार मेला अथवा अन्य आयोजन में भागीदारी के लिए प्रदर्शन तथा सैम्पल के आयात / पुनः आयात को विदेश व्यापार नीति के विशिष्ट नियमों के तहत रेग्युलेट किया जाएगा।
इसके लिए उसे आयात निगरानी तंत्र के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अथवा आयात प्राधिकार की आवश्यकता से मुक्त कर दिया जाएगा।