iGrain India - नई दिल्ली । कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों के आधार पर केन्द्र सरकार द्वारा रबी कालीन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के बारे में जल्दी ही निर्णय लिए जाने की संभावना है।
कृषक समुदाय को इस बार खासकर गेहूं, चना, मसूर एवं सरसों जैसी प्रमुख रबी फसलों के एमएसपी में अच्छी बढ़ोत्तरी होने का भरोसा है। सरकार दलहन-तिलहन के उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है ताकि आयात पर निर्भरता घटाई जा सके।
पिछले सीजन के दौरान भी समर्थन मूल्य में अच्छा इजाफा किया गया था। आंतरिक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गेहूं का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। अन्य फसलों का समर्थन मूल्य भी बढ़ाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि 2022-23 सीजन के मुकाबले 2023-24 के रबी सीजन हेतु गेहूं का एमएसपी 2125 रुपए प्रति क्विंटल से 150 रुपए का 7 प्रतिशत बढ़ाकर 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था।
इस बार यदि इसमें 125 रुपए का भी इजाफा किया गया तो यह 2400 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच जाएगा। वैसे घरेलू मंडियों में गेहूं एक दाम समर्थन मूल्य से काफी ऊंचा चल रहा है।
दलहन फसलों में मसूर का न्यूतनम समर्थन मूल्य 6000 रुपए प्रति क्विंटल से 425 रुपए या 7 प्रतिशत बढ़कर 6425 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था लेकिन इस बार इसमें कम बढ़ोत्तरी होने की संभावना है।
यदि इसमें 2 प्रतिशत का भी इजाफा किया गया तो यह 6553 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच सकता है। इसके सापेक्ष चना का समर्थन मूल्य 5335 रुपए प्रति क्विंटल से केवल 2 प्रतिशत बढ़ाकर 5440 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया था जबकि इस बार इसमें ज्यादा वृद्धि होने की संभावना जताई जा रही है। मटर के लिए समर्थन मूल्य निर्धारित नहीं किया जाता है।
तिलहन फसलों में सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 सीजन के 5450 रुपए प्रति क्विंटल से 200 रुपए या 4 प्रतिशत बढ़ाकर 2023-24 के रबी सीजन में 5650 रुपए प्रति क्विंटल नियत किया गया था जबकि 2024-25 सीजन के दौरान भी इसमें 4 प्रतिशत या इससे अधिक की बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। इससे किसानों को उत्पादन बढ़ाने का प्रोत्साहन मिल सकता है।