iGrain India - सिडनी । मौसम की प्रतिकूल स्थिति तथा प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से इस वर्ष कुछ महत्वपूर्ण निर्यातक देशों में गेहूं का उत्पादन प्रभावित हुआ है जिससे वैश्विक बाजार भाव ऊंचा और तेज होने लगा है।
रूस कनाडा तथा ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में उत्पादकों ने कीमतों में आगे और तेजी आने की उम्मीद से गेहूं का स्टॉक रोकना शुरू कर दिया है जिससे वैश्विक बाजार में इस महत्वपूर्ण खाद्यान्न की आपूर्ति में गिरावट आने के संकेत मिल रहे हैं।
गेहूं का वैश्विक बकाया स्टॉक घटकर गत 9 वर्षों के निचले स्तर पर आ जाने का अनुमान लगाया गया है जिससे बाजार आगे भी तेज रह सकता है।
गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक देश- रूस में इस वर्ष बारिश का अभाव होने तथा तापमान काफी ऊंचा रहने से फसल को भारी नुकसान हुआ।
अर्जेन्टीना में गेहूं फसल की हालत सामान्य से कमजोर बताई जा रही है। हाल ही में रूस द्वारा काला सागर क्षेत्र में अनाज से लदे जहाजों पर आक्रमण किए जाने से निर्यातक देश इस रास्ते का उपयोग करने से बच रहे हैं। इससे गेहूं की आपूर्ति पर असर पड़ने की संभावना है।
दक्षिणी-गोलार्द्ध के दो सबसे प्रमुख निर्यातक देश- ऑस्ट्रेलिया तथा अर्जेन्टीना में भयंकर गर्मी, वर्षा की कमी एवं घने कोहरे के प्रकोप के कारण लाखों टन गेहूं का नुकसान हो चुका है जबकि- खेतों की मिटटी में नमी का अभाव होने से रूस, यूक्रेन एवं अमरीका जैसे देशों में वर्ष 2025 की फसलों के लिए बिजाई प्रभावित होने की आशंका है। रूस में गेहूं के उत्पादन का अनुमान घटा दिया गया है। इससे बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर पड़ रहा है।
एक अग्रणी विश्लेषक के अनुसार गेहूं के बाजार में आपूर्ति एवं उपलब्धता की दृष्टि से जटिलता बढ़ गई है जबकि आगे स्थिति और भी खराब होने की संभावना है।
उस्डा के आंकड़ों से पता चलता है कि पांच वर्ष पूर्व गेहूं का वैश्विक बकाया स्टॉक नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था जिसके मुकाबले इस बार करीब 14 प्रतिशत कम रहने एक अनुमान है।
रूस ने पिछले चार दिनों के अंदर यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर तीसरी बार मिसाइल से हमला करके बुनियादी ढांचे को बर्बाद कर दिया।