iGrain India - केन्द्र सरकार ने भारत ब्रांड नाम के तहत चावल, आटा एवं दाल की बिक्री का दूसरा चरण शुरू करने का निर्णय लिया है जिससे आम उपभोक्ताओं को महंगाई की मार से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
वैसे प्रथम चरण के मुकाबले इस दूसरे चरण में उपरोक्त खाद्य उत्पादों का उच्चतम खुदरा मूल्य कुछ बढ़ा दिया गया है लेकिन फिर भी यह खुले बाजार में प्रचलित भाव से नीचे ही है।
नवम्बर 2023 में सरकार ने सबसे पहले गेहूं के आटे की बिक्री अपनी अधीनस्थ एजेंसियों के माध्यम से आरंभ की थी और फिर इस सूची में चावल तथा चना दाल को शामिल कर लिया।
खाद्य महंगाई से आम उपभोक्ताओं की कठिनाई बहुत बढ़ गई है और त्यौहारी सीजन में यह और भी पीड़ा दायक साबित हो रही है। समझा जाता है की आटा, चावल एवं दाल की बिक्री चालू माह यानी अक्टूबर से आरंभ हो सकती है।
सरकार ने एजेंसियों से कहा है कि उसके पास यदि कोई पिछला स्टॉक मौजूद है तो पहले उसकी बिक्री करे और उसके बाद ही नए स्टॉक का उठाव करे।
यह भी कहा जा रहा है कि साबुत चना तथा मूंग दाल के साथ-साथ इस बार मसूर दाल की बिक्री भी शुरू हो सकती है। नैफेड के पास 7-8 लाख टन मसूर का विशाल स्टॉक मौजूद है इसलिए इसकी दाल की बिक्री करने में कोई समस्या नहीं होगा।
ध्यान देने की बात है कि शुरूआती चरण के दौरान केवल केन्द्रीय भंडार एवं मोबाइल वैन के जरिए आटा-चावल की बिक्री हो रही थी मगर धीरे-धीरे कुछ अन्य सरकारी एजेंसियों के आउटलेट तथा प्राइवेट बिग चेन किराना स्टोर पर भी इसे उपलब्ध करवाया जाने लगा। जून 2024 में चावल, तथा आटा की बिक्री रोक दी गई मगर दालों की बिक्री जारी रही।
पिछले चरण की तुलना में अगले चरण के दौरान ब्रांड के खाद्य उत्पादों के उच्चतम खुदरा मूल्य में बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके तहत गेहूं के आटा का दाम 275 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए प्रति 10 किलो तथा चावल का भाव 295 रुपए से बढ़ाकर 320 रुपए प्रति 10 किलो नियत किए जाने की उम्मीद है।
इसी तरह मूंग दाल का मूल्य 107 रुपए प्रति किलो तथा मसूर दाल का मूल्य 89 रुपए प्रति किलो निर्धारित होने की संभावना है। चना दाल का दाम 60 रुपए से बढ़ाकर 70 रुपए प्रति किलो तथा साबुत चना का मूल्य 58 रुपए प्रति किलो नियत होने की उम्मीद है। इससे आम लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। देखना यह है कि इन उत्पादों की बिक्री कब से आरंभ की जाती है।