iGrain India - हल्दी कीमतों में गिरावट : हाजिर व्यापार कम नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान हल्दी की कीमतों में मन्दा रहा। उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर डंकी मालों की आवक बढ़ने के कारण हाजिर एवं निर्यात व्यापार कम रहा। वायदा बाजार में भी भाव मंदे बोले गए। अक्टूबर माह का हल्दी वायदा सप्ताह के शुरू में 13300 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 12850 रुपए पर बंद हुआ। दिसम्बर माह का वायदा 13700 रुपए खुलने के पश्चात सप्ताह के अंत में 13552 रुपए पर बंद हुआ है। कीमतों में गिरावट वायदा के मंदे समाचारों एवं हाजिर में कमजोर उठाव के कारण उत्पादक केन्द्रों की मंडियों सहित खपत केन्द्रों पर भी हल्दी के भाव 200/300 रुपए प्रति क्विंटल मंदे के साथ बोले गए। नांदेड मंडी में हल्दी फिंगर का भाव सप्ताह के शुरू में 13500/14500 रुपए खुला था जोकि सप्ताह के अंत में 13200/14200 रुपए बोला गया। बसमतनगर मंडी में भी हल्दी के भाव 200 रुपए मंदे रहे। उत्पादक केन्द्रों के मंदे समाचार मिलने के कारण दिल्ली बाजार में भी हल्दी की कीमतें 100/200 रुपए मंदी रही। वर्तमान में घटे भावों पर भी लिवाल नहीं है। जानकार सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर इस वर्ष हल्दी की बिजाई अधिक होने एवं कमजोर निर्यात के चलते हाल-फिलहाल कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। बढ़ेगी पैदावार हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, तेलंगाना, तमिलनाडु में बिजाई का क्षेत्रफल 30/35 प्रतिशत तक बढ़ने के कारण आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में अधिक रहेगी। अभी तक मौसम फसल के अनुकूल बना हुआ है। हालांकि गत दिनों हुई बारिश से कुछ क्षेत्रों में हल्दी फसल को 5/10 प्रतिशत तक नुकसान हुआ था जोकि प्रति वर्ष होता है। सूत्रों का कहना है कि अगर आगामी दिनों में भी मौसम फसल के अनुकूल बना रहता है तो आने वाली फसल 80/82 लाख बोरी अवश्य ही होगी। जबकि गत वर्ष उत्पादन 45/50 लाख बोरी का रहा था। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष हालांकि पैदावार कम रही थी लेकिन बकाया स्टॉक लगभग 35/38 लाख बोरी का होने के कारण हल्दी की सप्लाई बराबर बनी रही लेकिन वर्ष 2025 के लिए स्टॉक लगभग समाप्त हो जाएगा। जिस कारण से आगामी सीजन के दौरान हल्दी के भाव अच्छे रहने के अनुमान लगाए जा रहे है। बाजार सूत्रों का कहना है कि हल्दी के भाव काफी घट जाने के कारण आगामी दिनों में कीमतों में एक बार तेजी बनने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। क्योंकि स्टॉक की कमी के अलावा नई फसल की आवक जनवरी माह में शुरू होगी। उत्पादन अनुमान जानकार सूत्रों का कहना है कि अगर आगामी दिनों में भी मौसम फसल के अनुकूल रहता है तो महाराष्ट्र के मराठवाड़ा लाइन पर हल्दी की पैदावार 35/38 लाख बोरी के अलावा सांगली लाइन पर भी उत्पादन 9/10 लाख बोरी आने की संभावना है। तमिलनाडु में उत्पादन 10/12 लाख बोरी होने के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं। तेलंगाना में उत्पादन 15/17 लाख बोरी होने की संभावना है। आंध्र प्रदेश एवं अन्य क्षेत्रों में उत्पादन अनुमान 4/6 लाख बोरी का लगाया जा रहा है। निर्यात कम चालू वित्त वर्ष 2024-25 के प्रथम चार माह अप्रैल-जुलाई 2024 में हल्दी का निर्यात 61609.83 टन का रहा। जबकि गत वर्ष अप्रैल- जुलाई - 2023 में निर्यात 71616.73 टन का रहा था। हालांकि निर्यात में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है लेकिन भाव ऊंचे होने के कारण आय में 53 प्रतिशत की शानदार बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। चालू सीजन के शुरूआती चार माह के दौरान हल्दी निर्यात से प्राप्त आय 1011.60 करोड़ रुपए की आय हुई है जबकि गत वर्ष इसी समयावधि में किए गए निर्यात से 659.92 करोड़ रुपए की आय प्राप्त हुई थी। आयात घटाविगत 5 वर्षों से हल्दी आयात में गिरावट दर्ज की जा रही है। मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019-20 में हल्दी का आयात 28580 टन का रहा था जोकि वर्ष 2020-21 में घटकर 25709 टन एवं वर्ष 2021-22 में 24480 टन का रहा था। वर्ष 2022-23 में आयात 16769 टन एवं वर्ष 2023-24 में 14638 टन का हुआ।