iGrain India - वैंकुवर । पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मटर का भाव आमतौर पर मजबूत बना रहा। उत्तरी गोलार्द्ध के देशों में फसल की कटाई-तैयारी समाप्त होने के बाद उत्पादकों का ध्यान अपने स्टॉक की बिक्री पर केन्द्रित हो गया है और आयातक देशों से बाजार को अच्छा समर्थन मिलने से इसके कारोबार में गतिशीलता भी देखी जा रही है।
एक विश्लेषक का कहना है कि भारत सरकार ने पीली मटर के शुल्क मुक्त आयात की समय सीमा को 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2024 तक नियत करने का जो निर्णय लिया है उसका वैश्विक मटर बाजार पर सकारात्मक असर देखा जा रहा है।
नए निर्णय के मुताबिक 31 दिसम्बर की तिथि तक के ऑन बोर्ड बिल ऑफ लेडिंग के आधार पर विदेशी पीली मटर की खेप को भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचने की अनुमति होगी।
हालांकि भारत में 7 लाख टन से ज्यादा मटर का विशाल स्टॉक मौजूद होने का अनुमान है और शीघ्र ही इसकी बिजाई की गति भी तेज होने वाली है जिससे अभी विदेशों से इसके आयात की रफ्तार मध्यम है लेकिन आगे इसमें तेजी आ सकती है।
भारत में मुख्यत: कनाडा एवं रूस से पीली मटर का आयात होता है जबकि कुछ अन्य देशों से भी इसे मंगाया जाता है। उत्तरी अमरीका तथा काला सागर क्षेत्र में मटर की फसल कट चुकी है।
यूरोपीय संघ के सदस्य देशों में भी कटाई पूरी हो चुकी है जबकि ऑस्ट्रेलिया एवं दक्षिणी अमरीका महाद्वीप में कटाई शुरू होने वाली है।
निर्यातक देशों को भरोसा है कि भारत सरकार के नए निर्णय से उसे अपना निर्यात लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिल जाएगी। कनाडा एवं अमरीका में पिछले के मुकाबले इस बार मटर के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हुई है जबकि रूस में उत्पादन कुछ घट गया है।