iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा है कि भारत में एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम जोर पकड़ता जा रहा है और अब डीजल में 15 प्रतिशत एथनॉल के मिश्रण पर रिसर्च जारी है।
इसे प्रोत्साहित करने पर काम चल रहा है। राजमार्ग मंत्री के अनुसार भारत में हरित ऊर्जा के उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा जीवाश्म ईंधन (पेट्रोलियम) पर निर्भरता घटाने में एथनॉल अत्यन्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
सड़क परिवहन मंत्री के मुताबिक इंडियन ऑयल (NS:IOC) (कम्पनी) ने एथनॉल के लिए 400 पम्प स्टेशन स्थापित करने का निर्णय लिया है जबकि वाहन बनाने वाली कम्पनियां फ्लेक्स इंजन वाहनों को लांच करने की तैयारी कर रही है।
आवश्यक बुनियादी ढांचागत दुविधा का विकास-विस्तार होते ही कुछ प्रमुख कंपनियों की एथनॉल बाइक सड़क पर दौड़ने के लिए तैयार है। सरकार एथनॉल का उत्पादन एवं उपयोग बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
चीनी उद्योग को एथनॉल निर्माण के लिए गन्ना के इस्तेमाल की खुली छूट दे दी गई है और अनाज आधारित डिस्टीलरीज को भी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से 23 लाख टन चावल का स्टॉक उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया गया है।
सरकार पेट्रोल में एथनॉल के मिश्रण का स्तर नियमित रूप से बढ़ाने की योजना रही है। तेल विपणन-कंपनियों के लिए एथनॉल के खरीद मूल्य में बढ़ोत्तरी की जा रही है।
इसके आलावा एथनॉल निर्माण में मक्का के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है जिससे किसानो को भी फायदा होगा। भारत धीरे-धीरे एथनॉल के सबसे अग्रणी उत्पादक देशों की सूची में शामिल होता जा रहा है।