iGrain India - मुम्बई । एक अग्रणी व्यापारिक संस्था- कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने 2023-24 के मार्केटिंग सीजन (अक्टूबर-सितम्बर) के दौरान देश में 325.29 लाख गांठ कपास की प्रेसिंग होने की संभावना व्यक्त की है जो पिछले अनुमान 323.02 लाख गांठ से 2.27 लाख गांठ ज्यादा है।
ज्ञात हो कि कपास की प्रत्येक गांठ 170 किलो तथा रनिंग गांठ 162 किलो की होती है। एसोसिएशन के मुताबिक 1 अक्टूबर 2024 को नया मार्केटिंग सीजन (2024-25) आरंभ होने के समय देश में कुल 30.19 लाख गांठ कपास का पिछला बकाया स्टॉक मौजूद था।
एसोसिएशन के अनुसार 2023-24 सीजन के दौरान देश में कपास की कुल उपलब्धता 371.69 लाख गांठ रही जिसमें 28.90 लाख गांठ का पिछला बकाया स्टॉक, 325.29 लाख गांठ का उत्पादन तथा 17.50 लाख गांठ का आयात शामिल रहा।
समीक्षाधीन सीजन के दौरान कपास की खपत 313 लाख गांठ आंकी गई है जबकि 28.50 लाख गांठ के निर्यात का अनुमान लगाया गया है।
2022-23 के सीजन में 12.50 लाख गांठ रूई का आयात हुआ था। पहले रूई का बकाया अधिशेष स्टॉक 23.32 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया गया था।
एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक 2022-23 सीजन की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान कपास का बकाया अधिशेष स्टॉक 24 लाख गांठ से बढ़कर 28.90 लाख गांठ, उत्पादन 318.90 लाख गांठ से उछलकर 325.29 लाख गांठ तथा आयात 12.50 लाख गांठ से बढ़कर 17.50 लाख गांठ पर पहुंच और इस तरह कुल उपलब्धता 355.40 लाख गांठ से उछलकर 371.09 लाख गांठ हो गई। 2023-24 के सीजन में बड़ी-बड़ी टेक्सटाइल मिलों में 201 लाख गांठ तथा छोटी-छोटी इकाइयों में 96 लाख गांठ रूई की खपत हुई।
इसके आलावा 16 लाख गांठ का उपयोग अन्य उद्देश्यों में किया गया। इस तरह कुल 313 लाख का इस्तेमाल हुआ और 58.69 लाख गांठ का स्टॉक बच गया।
इसमें से 28.50 लाख गांठ रूई का विदेशों में निर्यात किया गया और सीजन के अंत में 30.19 लाख गांठ का बकाया स्टॉक बच गया। इसमें से 28.50 लाख गांठ रूई का विदेशों में निर्यात किया गया और सीजन के अंत में 30.19 लाख गांठ का बकाया अधिशेष स्टॉक रह गया।