iGrain India - नई दिल्ली । खुदरा खाद्य महंगाई दर अगस्त के 5.66 प्रतिशत से उछलकर सितम्बर में 9.24 प्रतिशत की ऊंचाई पर पहुंच गई क्योंकि सब्जियों की कीमत में भारी उछाल आया और खाद्य तेलों का दाम भी ऊपर उठने लगा था।
इस अवधि के दौरान उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक भी 1.17 प्रतिशत ऊपर बढ़ गया। सितम्बर 2025 में खाद्य महंगाई दर 6.62 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
अगस्त में सब्जियों का भाव 10.7 प्रतिशत बढ़ा था मगर सितम्बर में यह 36 प्रतिशत उछलकर पिछले 14 माह के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया। सितम्बर माह के दौरान आलू, प्याज और टमाटर के दाम में भारी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई जबकि हरी सब्जियों का भाव भी काफी ऊंचा रहा। यह सिलसिला अब भी जारी है।
दिलचस्प तथ्य यह है कि अगस्त तक खाद्य तेलों की महंगाई दर ऋणात्मक चल रही थी मगर सितम्बर में सरकार द्वारा आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की भारी बढ़ोत्तरी किए जाने के साथ ही इसका दाम तेज होने लगा और इसकी महंगाई दर ऋणात्मक जोन से बाहर निकलवाकर 2.47 प्रतिशत के घनात्मक जोन में आ गई। सरसों का दाम भी 6.3 प्रतिशत बढ़ गया।
दलहनों में थोड़ी नरमी देखी गई। अगस्त में इसकी महंगाई दर 11.3 प्रतिशत रही थी जो सितम्बर में गिरकर 9.8 प्रतिशत रह गई। खरीफ फसलों की बेहतर बिजाई तथा विदेशी माल की आपूर्ति में वृद्धि का बाजार पर असर पड़ा।
उल्लेखनीय है कि दाल-दलहनों में महंगाई दर जून 2023 से ही दो अंकों में चल रही थी और चना, तुवर तथा उड़द के दाम में भारी बढ़ोत्तरी हो गई थी। चावल तथा गेहूं के दाम में आई नरमी के कारण कुल मिलाकर अनाजों में महंगाई दर कुल नीचे आ गई।