iGrain India - लुधियाना । केन्द्रीय पूल में चावल का सर्वाधिक योगदान देने वाले राज्य- पंजाब में चालू खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान धान की सरकारी खरीद की गति धीमी होने तथा मंडियों से इसका सही समय पर उठाव नहीं होने से किसानों की चिंता और परेशान काफी बढ़ गई है।
हालांकि केन्द्र सरकार का दावा है कि पंजाब में धान की खरीद के लिए सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही पूरे किए जा चुके हैं मगर वास्तविक धरातल पर स्थिति उत्साहवर्धक नहीं है।
पिछले दिनों किसनों ने सड़क और रेलमार्ग जाम कर दिया था। वे धान की धीमी खरीद का विरोध कर रहे थे। गत रविवार को किसान संगठनों ने पंजाब के विभिन्न भागों में विरोध प्रदर्शन भी किया था।
लुधियाना में विरोध प्रदर्शन का ज्यादा असर देखा गया। वहां सामराला, खन्ना, कोहारा, रायकोट तथा दोराहा, पायल एवं जगरांव में सकड़ों को अवरुद्ध कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पंजाब में इस बार धान का बम्पर उत्पादन हुआ है और मंडियों में इसकी जोरदार आवक हो रही है। वहां क्षेत्रफल में कुछ वृद्धि होने तथा मौसम की हालत काफी हद तक अनुकूल रहने से उपज दर में सुधार आने के कारण धान की पैदावार बढ़ने के आसार हैं।
सरकार ने पंजाब में 185 लाख टन धान (124 लाख टन चावल के समतुल्य) खरीदने का लक्ष्य रखा है जो पिछले साल के लगभग बराबर ही है।
अक्सर 5 अक्टूबर के बाद सरकारी क्रय केन्द्रों पर धान की विशाल मात्रा पहुंचने लगती है और इसकी जोरदार खरीद भी होती है। लेकिन कुछ समय के लिए स्थिति बिगड़ जाती है। खरीद प्रक्रिया 30 नवम्बर तक जारी रहेगी।