iGrain India - बीजिंग । अमरीकी कृषि विभाग की विदेश कृषि सेवा (उस्डा पोस्ट) के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि चालू कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही के दौरान चीन में मटर का आयात घटकर 6.57 लाख टन पर अटक गया जो पिछले साल की समान अवधि के आयात से 22 प्रतिशत कम रहा।
उद्योग समीक्षकों के अनुसार वर्ष 2023 के दौरान चीन में अत्यन्त विशाल मात्रा में मटर का आयात हुआ था जिसका भारी-भरकम स्टॉक अब भी मौजूद है।
इसके अलावा मौद्रिक दर में उतार-चढ़ाव, सामुद्रिक परिवहन खर्च में वृद्धि तथा व्यापार नीति में अनिश्चितता जैसे कारणों से भी वहां मटर का आयात प्रभावित हो रहा है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के दौरान चीन में मटर का आयात 64 प्रतिशत बढ़कर 26 लाख टन की ऊंचाई पर पहुंच गया जिसका बड़ा भाग अब भी वहां मौजूद है। लगभग यही स्थिति भारत की भी है।
यहां इस वर्ष 20-22 लाख टन मटर का आयात हुआ जिसमें से 7-8 लाख टन का स्टॉक अभी बचा हुआ है। वर्ष 2023 में चीन में हुए मटर के कुल आयात में कनाडा की भागीदारी 60 प्रतिशत तथा रूस की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत रही। इसके अलावा वहां ऑस्ट्रेलिया एवं अमरीका सहित कुछ अन्य देशों से भी मटर का आयात किया गया।
फास की रिपोर्ट के अनुसार भारत में मटर का आयात इसी अवधि में 90 प्रतिशत बढ़ गया। इन दोनों देशों में विशाल आयात होने से कनाडा को अन्य आयातक देशों में मटर के निर्यात में कटौती करनी पड़ी थी।
लेकिन चालू वर्ष में परिस्थिति बदल जाने के संकेत मिल रहे हैं। इन दोनों शीर्ष उत्पादक देशों में मांग कमजोर पड़ने से कनाडा को अन्य बाजारों की तलाश करनी पड़ रही है।
एक उद्योग समीक्षक के मुताबिक चीन में कैनोला की एंटी डम्पिंग जांच हो रही है जबकि कनाडा तथा अमरीका में चाइनीज उत्पादों के लिए ऐसी ही जांच चल रही है।
मटर आयातकों को आशंका है कि यदि विशाल मात्रा में इसका आयात किया गया तो इसकी जांच भी शुरू हो सकती है। इधर भारत और कनाडा के संबंध बिगड़ गए हैं।