iGrain India - बंगलोर । उत्तर-पूर्व मानसून की सक्रियता से दक्षिण भारत और खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल तथा कर्नाटक में भारी वर्षा होने से न केवल खेतों में खड़ी खरीफ फसलों को काफी नुकसान हो रहा है बल्कि रबी फसलों की बिजाई में भी आवश्यक देर हो जाएगी। कर्नाटक में खरीफ फसलों की कटाई तैयारी पहले ही आरंभ हो चुकी हैं।
जो फसलें अब पककर कटाई के लिए तैयार हो चुकी हैं उसे इस जोरदार बारिश एवं नम मौसम से क्षति हो रही है। कर्नाटक के उत्तरी एवं मध्यवर्ती भाग के अनेक क्षेत्रों में प्याज की फसल क्षतिग्रस्त हो रही है। बगलकोट जिले सैकड़ों एकड़ जमीन में खड़ी फसल जलमग्न हो गई है।
वहां मक्का की फसल बर्बाद होने की आशंका है जबकि रबी कालीन ज्वार एवं चना की फसल पर भी खतरा मंडरा रहा है। बगलकोट जिले के अन्य भागों में भी बारिश की वजह से कई फसलें क्षतिग्रस्त हो रही हैं।
गडग जिले के नारागुंड ताल्लुक में वेन्नेहल्ला स्ट्रीम लवालव पानी से भर गया है और इसके किनारे वाले क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है। खेतों में पानी भर जाने से कई फसलों का भविष्य संकट में फंस गया है।
खेतों में पानी भरने या नरमी का अंश ऊंचा होने के कारण रबी फसलों की बिजाई में भारी कठिनाई होगी। टुंकूर जिले के पावागढ़ ताल्लुक में मूंगफली की फसल क्षतिग्रस्त हो गई है जिससे इसके उत्पादन में गिरावट आने की संभावना है।
इसके दाने खेतों में ही विभक्त हो रहे हैं। यदि बारिश का दौर जारी रहा तो वहां मूंगफली की फसल चौपट हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में धान और कपास की फसल को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है।
कृषि विभाग द्वारा वर्षा एवं जल भराव से फसलों को हो रही क्षति का आंकलन किया जा रहा है। चामराज नगर में आलू सूरजमुखी एवं अन्य फसलों की कटाई-तैयारी ठहर गई है जबकि फसलों को नुकसान भी हो रहा है।