iGrain India - नई दिल्ली । चालू सप्ताह के दौरान देश में 50 प्रतिशत से कम जल भंडार वाले बांधों जलाशयों की संख्या घटकर 10 से नीचे यानी एकल संख्या में आ गई है।
केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) की नई रिपोर्ट के अनुसार देश के 155 प्रमुख बांधों जलाशयों में कुल भंडारण क्षमता के सापेक्ष 87 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद है जो पिछले सप्ताह के लगभग बराबर ही है।
कुछ जलाशयों में पानी का स्तर घटा है जबकि कुछ अन्य जलाशयों में बढ़ गया है। दक्षिण भारत में भारी बारिश का दौर जारी है।
आयोग की साप्ताहिक बुलेटिन के अनुसार 155 बांधों-जलशयों की कुल जल भंडारण क्षमता 180.852 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है जबकि उसमें फिलहाल 157.671 बीसीएम या 87 प्रतिशत पानी का भंडार मौजूद है।
यह भंडार पिछले साल के साथ-साथ दस वर्षीय औसत स्तर से भी ज्यादा है। वैसे कुछ क्षेत्रों में जल स्तर घटने से थोड़ी चिंता उत्पन्न हो गई है।
रिपोर्ट के मुताबिक 108 जलाशयों में क्षमता के मुकाबले 80 प्रतिशत से अधिक पानी का भंडार उपलब्ध है जबकि 50 प्रतिशत से कम जल भंडार वाले जलाशयों की संख्या घटकर 9 रह गई है। पांच राज्यों में सामान्य भंडारण क्षमता से कम पानी मौजूद है।
आमतौर पर बांधों-जलाशयों में पानी का स्तर ऊंचा होने तथा दक्षिण भारत में भारी वर्षा का दौर जारी रहने से रबी फसलों की सिंचाई में ज्यादा कठिनाई नहीं होगी मगर पश्चिमोत्तर राज्यों में पानी का भंडार कम होने से कुछ समस्या उत्पन्न हो सकती है। राजस्थान में संकट ज्यादा गंभीर होने की आशंका है।
मौसम विभाग के अनुसार देश के 723 जिलों से आंकड़े एकत्रित किए जाते हैं। इसमें से 62 प्रतिशत जिलों में 1 से 16 अक्टूबर 2024 के बीच सामान्य से कम या बहुत कम बारिश हुई। वैसे दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य औसत से 8 प्रतिशत अधिकत वर्षा दर्ज की गई।
हालांकि वह मानसून अब प्रस्थान कर चुका है लेकिन देश के अनेक भागों में खेतों की मिटटी में नमी का पर्याप्त अंश अभी मौजूद है जिससे रबी फसलों की अगैती बिजाई करने में किसानों को अच्छी सहायता मिल रही है। तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में जोरदार वर्षा हो रही है।