iGrain India - नई दिल्ली । केन्द्र सरकार ने 2024-25 के वर्तमान खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान 485.11 लाख टन चावल की खरीद करने का लक्ष्य नियत किया है जो 2023-24 सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य 521.27 लाख टन से करीब 36 लाख टन कम है।
क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी होने तथा मानसून की पर्याप्त वर्षा का सहारा मिलने से इस बार धान के उत्पादन में इजाफा होने का अनुमान है लेकिन फिर भी सरकार ने चावल की खरीद के लक्ष्य में कटौती कर दी है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के सम्पूर्ण मार्केटिंग सीजन (खरीफ एवं रबी) के दौरान केन्द्रीय पूल के लिए कुल 525.37 लाख टन चावल खरीदा गया जबकि 2022-23 के सीजन में इसकी मात्रा 569.40 लाख टन पर पहुंच गई थी।
सरकारी गोदामों में अभी चावल का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है इसलिए यदि खरीफ मार्केटिंग सीजन में इसकी थोड़ी कम खरीद होती है तो भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के लिए कोई खतरे की बात नहीं होगी। केन्द्रीय पूल के लिए करीब 75-80 प्रतिशत चावल खरीफ सीजन में तथा शेष 15-20 प्रतिशत रबी सीजन में खरीदा जाता है।
2024-25 के मौजूदा खरीफ मार्केटिंग सीजन के दौरान पंजाब में 124 लाख टन, हरियाणा में 39.50 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 36 लाख टन तथा तमिलनाडु में करीब 24 लाख टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा छत्तीसगढ़, तेलंगाना, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, बिहार एवं आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में भी विशाल मात्रा में चावल खरीदा जाता है।
चालू वर्ष का लक्ष्य अंतिम नहीं है और आवश्यकता पड़ने पर इसमें बढ़ोत्तरी की जा सकती है जैसा कि 2023-24 के सीजन में छत्तीसगढ़ में तथा उससे पूर्व तेलंगाना में देखा गया।
इस वर्ष खरीफ सीजन के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर धान का उत्पादन क्षेत्र उछलकर 414.50 लाख हेक्टेयर के शीर्ष स्तर पर पहुंच गया जो पिछले साल के क्षेत्रफल 404.50 लाख हेक्टेयर से 10 लाख हेक्टेयर या 2.5 प्रतिशत अधिक रहा।
अच्छी बारिश के कारण उत्पादन में बढ़ोत्तरी की उम्मीद है। कई राज्यों में धान की नई फसल की कटाई-तैयारी आरंभ हो चुकी है।