iGrain India - नई दिल्ली । वरिष्ठ आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद एवं तनाव का मसूर की आपूर्ति एवं उपलब्धता पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
हालांकि कनाडा भारत को मसूर की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश है लेकिन निकट भविष्य में भारत के अंदर मसूर की आपूर्ति एवं उपलब्धता पर कोई खतरा नहीं है।
सरकार के पास 8 लाख टन से अधिक मसूर का विशाल स्टॉक उपलब्ध है और इसका घरेलू बाजार भाव भी लगभग स्थिर बना हुआ है। इसे देखते हुए तत्काल कोई समस्या या खतरा नहीं दिखाई पड़ रहा है।
अब भारत ब्रांड के उत्पादों में मसूर दाल को भी शामिल किया जा रहा है जिसकी बिक्री रियायती मूल्य पर की जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार खुदरा बाजार में मसूर दाल की बिक्री निरंतर जारी रखी जाएगी। पिछले पांच महीनों के दौरान मसूर दाल का औसत मूल्य करीब 90 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया।
कनाडा से बढ़ती दूरी के बीच भारतीय आयातक अब ऑस्ट्रेलिया की तरफ रूख कर रहे हैं जहां मसूर की नई फसल की कटाई-तैयारी जल्दी ही जोर पकड़ने की संभावना है।
कनाडा के साथ दूरस्थ पोजीशनों की डिलीवरी के लिए भारतीय खरीदार मसूर का आयात अनुबंध करने से हिचकने लगे हैं क्योंकि उसे इसमें खतरा नजर आ रहा है।
इधर घरेलू बाजार में मसूर की बिजाई का सीजन आरंभ हो गया है। दिन देने की बात है कि चना के बाद मसूर रबी सीजन की दूसरी सबसे प्रमुख दलहन फसल है।
इसकी बिजाई कुछ बढ़ सकती है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं बिहार इसके तीन शीर्ष उत्पादक प्रान्त हैं। ऑस्ट्रेलिया में मसूर के कुल उत्पादन की तस्वीर अभी साफ नहीं हुई है मगर मोटे तौर पर वहां इसकी पैदावार गत वर्ष से कुछ कम होने का अनुमान लगाया जा रहा है।