iGrain India - साप्ताहिक समीक्षा-चीनी सामान्य कारोबर के साथ चीनी के दाम में सीमित उतार-चढ़ाव नई दिल्ली । त्यौहारी सीजन के बावजूद चीनी की मांग में कोई उल्लेखनीय बढ़ोत्तरी नहीं देखी जा रही है और न ही औद्योगिक उद्देश्यों में इसका भारी उपयोग हो रहा है जबकि उत्तरी भारत में तापमान अभी ऊंचा ही है। ऐसा प्रतीत होता है कि अक्टूबर माह के लिए नियत 25.50 लाख टन का फ्री सेल (NS:SAIL) कोटा चीनी के बाजार पर दबाव बनाने में कामयाब हो रहा है। आमतौर पर पीक त्यौहारी सीजन के दौरान चीनी की मांग, खपत एवं कीमत में बढ़ोत्तरी होने की परिपाटी रही है लेकिन इस बार 12 से 18 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान चीनी के दाम में सीमित उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया।मिल डिलीवरी भाव समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान चीनी का मिल डिलीवरी भाव पूर्वी उत्तर प्रदेश में 60 रुपए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 15 रुपए तथा मध्य प्रदेश में 5 रुपए प्रति क्विंटल नरम रहा और पंजाब में पिछले स्तर पर स्थिर देखा गया जबकि बिहार में 10 रुपए एवं गुजरात में 20-30 रुपए प्रति क्विंटल ऊंचा रहा। हाजिर भाव चीनी का हाजिर बाजार मूल्य भी इस अवधि के दौरान दिल्ली में 4200/4330 रुपए क्विंटल तथा इंदौर में 3950/4050 रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर देखा गया जबकि छत्तीसगढ़ के रायपुर में यह 25/30 रुपए प्रति क्विंटल नरम पड़ गया। मुम्बई (वाशी) मार्केट में भी चीनी का दाम 20 रुपए गिरकर 3730/3930 रुपए प्रति क्विंटल और नाका पोर्ट डिलीवरी मूल्य 20 रुपए घटकर 3680/3880 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। कोलकाता में चीनी का हाजिर भाव 4050/4150 रुपए प्रति क्विंटल के पुराने स्तर पर बरकरार रहा। टेंडर चीनी के टेंडर मूल्य में भारी गिरावट दर्ज की गई। महाराष्ट्र में यह 50-70 रुपए घटकर 3525/3750 रुपए प्रति क्विंटल तथा कर्नाटक में 20 से 90 रुपए तक लुढ़ककर 3560/3640 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। गन्ना की क्रशिंग एवं चीनी के उत्पादन का नया मार्केटिंग सीजन औपचारिक तौर पर 1 अक्टूबर से आरंभ हो चुका है और आगामी कुछ महीनों तक चीनी के उत्पादन में निरन्तर बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है। उद्योग के पास भी चीनी का अच्छा खासा स्टॉक मौजूद है। आगामी कुछ दिनों में चीनी का कारोबार एवं भाव सुधरने के आसार हैं क्योंकि दीपावली की मांग निकलने वाली है।