iGrain India - ऊंचे दाम पर मांग कमजोर पड़ने से सरसों में मंदी नई दिल्ली । पिछले कुछ सप्ताहों से सरसों के थोक मंडी भाव प्रमुख उत्पादक राज्यों में ऊंचे स्तर पर चल रहा था और इसके नीचे आने की बहुत कम संभावना व्यक्त की जा रही थी क्योंकि एक तो इसकी आपूर्ति का ऑफ सीजन आरंभ हो गया तथा त्यौहारी सीजन में सरसों तेल की मांग एवं खपत बढ़ने की परिपाटी रही है और दूसरे, सरकार ने खाद्य तेलों पर आयत शुल्क बढ़ा दिया। लेकिन इन सकारात्मक कारकों के बावजूद 11 से 17 अक्टूबर वाले सप्ताह के दौरान सरसों का भाव काफी घट गया। 42% कंडीशन सरसों 42 प्रतिशत कंडीशन वाली सरसों का दाम दिल्ली में 150 रुपए गिरकर 6550 रुपए प्रति क्विंटल तथा जयपुर में 175 रुपए घटकर 6700/6725 रुपए प्रति क्विंटल पर आ गया। हालांकि गुजरात की डीसा एवं धनेरा मंडी में भाव 30 रुपए सुधर गया मगर हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश की मंडियों में दाम काफी नीचे आ गया। हरियाणा की मंडियों में सरसों के दाम में 100-200 रुपए तथा मध्य प्रदेश की मंडियों में 75-175 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई। सरसों का मूल्य उत्तर प्रदेश का हापुड़ में 25 रुपए फिसलकर 6925 रुपए प्रति क्विंटल तथा आगरा में 150 रुपए घटकर 6900/7500 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। कोलकाता में भी 50 रुपए की नरमी रही। राजस्थान सरसों के दाम में सर्वाधिक गिरावट सबसे प्रमुख उत्पादक प्रान्त- राजस्थान की मंडियों में दर्ज की गई। वहां इसका भाव कोटा में 500 रुपए लुढ़ककर 5800/6100 रुपए प्रति क्विंटल अलवर में 300 रुपए घटकर 6400 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। इसके अलावा भरतपुर, खैरथल, बीकानेर, नागौर, नेवाई, टोंक, कुम्भेर, नदवई, डीग जैसी मंडियों में सरसों के दाम में 100 से लेकर 250 रुपए प्रति क्विंटल तक की गिरावट दर्ज की गई। सरसों तेल सरसों के मूल्य में आई इस भारी गिरावट का असर सरसों तेल की कीमतों पर पड़ना स्वाभाविक था। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एक्सपेलर एवं कच्ची घानी- दोनों श्रेणियों के सरसों तेल के दाम में 40 से 80 रुपए प्रति 10 किलो की गिरावट देखी गई। दिल्ली में एक्सपेलर का भाव 55 रुपए घटकर 1330 रुपए प्रति 10 किलो रह गया। उधर आगरा में कच्ची घानी सरसों तेल की कीमत 80 रुपए की भारी गिरावट के साथ 1400 रुपए प्रति 10 किलो पर आ गई। आवक सरसों की आवक 11 अक्टूबर को 1.50 लाख बोरी, 12 अक्टूबर को 1.25 लाख बोरी, 14 अक्टूबर को 3.50 लाख बोरी, 15 अक्टूबर को भी 3.50 लाख बोरी, 16 अक्टूबर को 3 लाख बोरी और 17 अक्टूबर को भी 3 लाख बोरी दर्ज की गई। सरसों की प्रत्येक बोरी 50 किलो की होती है।