iGrain India - सिडनी । रुस द्वारा यूक्रेन के बंदरगाह तथा अनाज से लदे जहाजों पर हमला तेज कर दिया गया है। हाल ही में उसने यूक्रेन के ओडेसा बंदरगाह पर घातक हमला किया जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई तथा आठ अन्य लोग घायल हो गए।
इस हमले का उद्देश्य यूक्रेन से अनाज के निर्यात शिपमेंट को बाधित करना तथा शिपिंग कंपनियों में दहशत फैलाना माना जाता है। लेकिन गेहूं के वैश्विक कारोबार तथा भाव पर इस हमले का कोई खास असर नहीं देखा जा रहा है।
कुछ समीक्षकों का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया में विशाल उत्पादन होने की उम्मीद तथा यूकेन पर रूस के अनियमित हमले के कारण गेहूं एक वैश्विक बाजार भाव फिलहाल शांत है मगर कुछ अन्य विश्लेषक गेहूं के दाम में आगे थोड़ी तेजी का अनुमान लगा रहे हैं।
रूस तथा कनाडा में गेहूं का विशाल स्टॉक मौजूद है और वे इसका निर्यात बढ़ाने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में नए गेहूं की आपूर्ति जल्दी ही जोर पकड़ने वाली है।
इससे गेहूं की आपूर्ति एवं उपलब्धता वैश्विक बाजार में बढ़ेगी और खासकर पूर्वी तथा दक्षिण-पूर्व एशिया में रूस, कनाडा एवं अमरीका सहित अन्य गेहूं निर्यातक देशों को ऑस्ट्रेलिया की कठिन चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
यूक्रेनी एग्री कौंसिल के चेयरमैन का कहना है कि रूस वैश्विक खाद्य सुरक्षा को खतरा पहुंचा रहा है और यूक्रेन की अर्थ व्यवस्था को बर्बाद करना चाहता है।
वह नहीं चाहता है कि यूक्रेन के अनाज वैश्विक बाजार में पहुंचे इसलिए वह भंडारण सुविधाओं तथा अनाज वाले जहाजों को विशेष रूप से निशाना बना रहा है।
यूक्रेन से गेहूं, मक्का एवं जौ तथा सूरजमुखी तेल का निर्यात प्रभावित होने का प्रत्यक्ष फायदा रूस को मिलेगा। अनाज की निर्यात आय से रूस को सैन्य उपकरणों के लिए धन का स्रोत मिल जाएगा। इससे पूर्व रूस ने सूरजमुखी तेल के कंटेनरों पर भयानक हमला किया था।